नैनीताल: हाईकोर्ट ने चंपावत डिग्री कॉलेज को आदेशित किया है कि, वह एक माह के भीतर राम रतन लाल भगवत शरण कन्या इंटर कॉलेज को कब्जा वापस दे। कोर्ट ने डीएम चंपावत को आदेशित किया है कि, वे संबंधित भूमि की जांच करें। यदि वहां अतिक्रमण पाया जाता है तो उसे हटाया जाए। कार्यवाहक न्यायमूर्ति राजीव शर्मा एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार, चंपावत निवासी अनिल शरन अग्रवाल ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि, याचिकाकर्ता के दादा राम रतन लाल ने 1957 में टनकपुर जिला चंपावत में अपनी तीन बीघा भूमि पर कन्या स्कूल बनवाया था और उससे लगी तीन बीघा भूमि पर खेल का मैदान था। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि 1960 में उनके पिता भगवत शरण की हत्या हो गई थी जिसके बाद स्वयं न चला पाने पर 1965 में उनके दादा ने वह भूमि सहित स्कूल को सरकार को दान में दे दिया। दान के साथ शर्त थी कि इसमें केवल कन्याओं की शिक्षा की व्यवस्था होगी। यदि भविष्य में ऐसा न हो पाया तो भूमि उनके वारिसों को लौटानी होगी। जिसके बाद सरकार ने उसे कन्या इंटर कॉलेज कर दिया और बाद में छात्राओं की संख्या बढ़ने पर कन्या इंटर कालेज को उसी के समीप अन्य जगह शिफ्ट कर दिया, जबकि तीन से आठवीं तक की कक्षाएं यहीं चलती रहीं। याचिका में कहा कि विद्यालय भवन को डीएम ने 2005 में आदेश पारित कर अस्थाई रूप से टनकपुर डिग्री कॉलेज को दे दिया और बाद में इसमें चल रही कन्या विद्यालय की कक्षाएं भी पास में बने विद्यालय में शिफ्ट कर दी गईं। 2014 में डिग्री कॉलेज का भवन निर्माण होने पर डिग्री कॉलेज भी शिफ्ट हो गया। अब इसमें पीएसी के जवान रहते हैं और साथ कि तीन बीघा भूमि पर अतिक्रमण ही रहा है। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने टनकपुर महाविद्यालय को आदेशित किया है कि वह एक माह के भीतर कन्या इंटर कॉलेज का कब्जा उसे वापस दे। साथ ही कोर्ट ने डीएम को आदेशित किया कि वह अतिक्रमण की जांच करें और यदि वहां अतिक्रमण पाया जाता है तो उसे हटाए।