लखनऊ: उत्तर प्रदेश से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, राजधानी लखनऊ में एक अस्पताल ने लाखों रुपए का बिल लेकर एक 20 साल के युवक को इसलिए मृत घोषित कर दिया । क्योंकि उसके परिजन ने कहा था अब उनके पास इलाज के लिए और पैसे नहीं है। जवान बेटे की मौत की खबर से टूट चुके परिजन बेटे के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे कि वह जिंदा हो उठा। जिसके बाद युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है कि जहां उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है।
दरअसल 20 साल के मोहम्मद फुरकान का एक दुर्घटना के बाद 21 जून को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज में करीब 7 लाख रुपए का खर्च हुए थे, परिजनों के पास पैसे न होने पर उन्होने जब अस्पताल को बताया कि अब हमारे पास पैसे नहीं तो उन्होंने अस्पताल में पूछा कि इलाज में और कितना खर्च आएगा वह अपनी सारी जमा-पूंजी लगा चुके है। अब उनके पास पैसे नहीं है तो प्रशासन ने सोमवार को फुरकान को मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद एंबुलेंस की मदद से शव को घर लाया गया और भी दफनाने के लिए क्रब भी खोदी जाने लगी। तभी युवक के बड़े भाई ने युवक के कुछ अंगों में हलचल देखी। जिसके बाद तुरंत फुरकान को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने युवक को जीवित बताया है। युवक का इलाज जारी है। डॉक्टर ने बताया, मरीज की हालत गंभीर है लेकिन निश्चित रूप से वो ब्रेन डेड नहीं है। उसका पल्स, ब्लड प्रेशर और उसकी रिफ्लेक्सिस काम कर रही है। उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है।
घटना मे अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और सिर्फ पैसा कमाने का मकसद नजर आया है।वहीं लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरेंद्र अग्रवाल ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दिए है। बता दें कि इस प्रकार के बिते कुछ समय से देश के कई अस्पतालों से ऐसे मामले सामने आ रहे है। अस्पताल प्रशासन जिंदा लोगों को भी मृत घोषित कर रहा है ।