नई दिल्ली: आश्रम में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में 2013 से जोधपुर जेल में बंद आसाराम को दोषी करार दिया गया है। दोषी करार दिए जाने के बाद इस मामले में आसाराम के खिलाफ सजा पर बहस हुई, जिसके बाद जज मधुसूदन शर्मा ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है। सजा के अनुसार आसाराम को मरने तक जेल में ही रहना होगा, साथ ही 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
जोधपुर कोर्ट में बुधवार को इस मामले में आशाराम समेत 3 लोगों को दोषी करार दिया गया और दो आरोपियों को बरी कर दिया गया। कोर्ट ने सुरक्षा कारणों से सेंट्रल जेल परिसर में ही यह फैसला सुनाया। बहस के दौरान वकीलों ने आसाराम की अधिक उम्र का हवाला देने हुए उनके लिए कम सजा मांग की थी। अन्य दो सह-आरोपियों में शरतचंद्र और शिल्पी को भी दोषी करार दिया गया। वहीं मामले में अन्य दो शिवा और प्रकाश को बरी किया गया है।