नैनीताल: उत्तराखंड के एक और लाल ने मातृभूमि की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। शहीद पनेरू विश्व की सबसे ऊंची चोटी को फतह भी कर चुके थे। सीमापार से हो रही फायरिंग और आतंकी घुसपैठ के चलते भारतीय सेना लगातार पेट्रोलिंग कर दुश्मनों पर नजर बनाए हुए है। जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में पेट्रोलिंग के दौरान देवभूमि उत्तराखंड का एक लाल शहीद हो गया। शहीद यमुना नैनीताल जिले के हल्द्वानी के रहने वाला थे और कुमाऊं रेजिमेंट में तैनात थे। बीते गुरुवार की देर रात मिली जवान की शहादत की खबर से जहां परिवार में कोहराम मचा हुआ है, वहीं पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड कोरोना बुलेटिन: स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी, दोपहर 2:30 बजे की रिपोर्ट, 37 और कोरोना पॉजिटिव
बता दें कि शहीद यमुना पनेरू ने आठ वर्ष पहले विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराकर देश व प्रदेश का नाम रोशन किया था। उस दौरान उन्होंने अपने छः सदस्यीय दल के साथ कर्नल राणा के नेतृत्व में एवरेस्ट फतह किया था। भारतीय सेना बीते एक हफ्ते में 10 से ज्यादा आतंकियों को मौत के घाट उतार चुकी है।
39 वर्षीय शहीद यमुना पनेरू वर्ष 2002 में सेना में भर्ती हुए थे। वर्ष 2002 में उनकी ममता से शादी हुई थी। शहीद का एक 7 वर्षीय बेटा
और 3 वर्षीय बेटी है।
यह भी पढ़ें: एसओजी व कोतवाली पिथौरागढ़ ने लगभग डेढ़ किलोग्राम अवैध चरस के साथ एक अभियुक्त को किया गिरफ्तार