देहरादून: सरकार पर एक के बाद एक आरटीआई बम फूट रहे हैं। इन बमों का सरकार से जवाब देते नहीं बन रहा। पहले चाय-नास्ते पर 68 लाख के खर्च का खुलासा हुआ। सरकार इसका अब तक ढंग से जवाब भी नहीं दे पाई थी कि एक और आरटीआई ने सरकार की नींद उड़ा दी। इस बार आरटीआई सरकार के हवाई खर्च का है। सरकार ने अपने 10 माह के कार्यकाल में 5 करोड़ 85 लाख 10 हजार रुपये हवा में उड़ने पर खर्च कर दिए। खास बात यह है कि यह खर्च केवल 50 यात्राओं का ही है।
करीब छह करोड़ रुपये सरकार ने केवल निजी कम्पनियों की हवाई सेवाओं पर ही उड़ा दिए। इसमें राज्यपाल, मुख्यमंत्री और विशिष्ट व्यक्तियों का भी खर्च जुड़ा है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने राजकीय हेलीकाप्टर से 47 बार और राजकीय वायुयान से 45 बार हवाई सफर किया है। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार सरकार अपने कार्यकाल के लगभग 300 दिनों में से 147 दिन हवा में ही तैरती रही। इसका खर्च आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गौनिया को अभी नहीं दिया गया है। आरटीआई एक्टिविष्ट गौनिया ने सीएम का अलग से हवाई खर्च मांगा था, जिसकी नागरिक उड्डयन विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय से जानकारी नहीं दी गई है।