वॉशिंगटन: अमेरिका ने आखिरकार पाकिस्तान को दी जाने वाली 300 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता राशि पर रोक लगाने का अंतिम फैसला कर ही लिया है। जानकारी के अनुसार पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी समूहों पर किसी भी तरह की कठोर कार्रवाई करने में नाकाम रहने पर अमेरिका ने ये कड़ा कदम उठाया है। अमेरिका ने पाकिस्तान पर आतंकियों को सुरक्षित पनाह देने का आरोप भी लगाया है।
इसी साल के शुरुआत में ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता राशि पर रोक लगाने की घोषणा की थी। आरोप था कि पाकिस्तान ने अब तक आतंकवाद के खात्मे के नाम पर अमेरिका को सिर्फ झूठी दिलासा और धोखे के सिवा कुछ नहीं दिया है। बताया जा रहा है कि 300 मिलियन डॉलर कोएलिशन सपोर्ट फंड में दी जाने वाली राशि का एक बड़ा भाग है। अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस आतंकवाद पर कड़े कदम उठाने के शर्त पर ही 300 मिलियन डॉलर की फंड (कोएलिशन सपोर्ट फंड) के तहत देने पर राजी हुए थे। लेकिन निराशाजनक परिणाम को देखते हुए उन्होंने ये फैसला किया।
अमेरिकी कांग्रेस के अप्रूवल के बाद इसका दूसरे महत्वपूर्ण कार्यों में इस्तेमाल में लाया जाएगा। 5 सितंबर को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो पाकिस्तान के दौरे पर जा रहे हैं। ऐसे में इन तथ्यों को उनके दौरे से भी जोड़कर देखा जा रहा है। मैटिस के मुताबिक उनके दौरे पर द्विपक्षीय वार्ता के दौरान आतंकवाद पर चर्चा अहम मुद्दा होगा। अमेरिका का ये कदम पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री बने इमरान खान के ऊपर एक नया दबाव बना सकता है। पिछले महीने ही अमेरिकी कांग्रेस ने पाकिस्तान को दिए जाने वाले सुरक्षा सहायता पर रोक लगा दी थी। नेशनल डिफेंस अथॉराइजेशन एक्ट (एनडीएए) 2019 के तहत ये फैसला लिया गया था, जिसमें कहा गया था कि सैन्य खर्चा बढ़ता ही जा रहा है लेकिन इसका परिणाम कुछ नहीं निकल कर आ रहा है।