ह्यूस्टन: अमरीका के ह्यूस्टन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को जहां एक बड़े जलसे ‘Howdy Modi’ में शामिल होंगे और भारतीय-अमरीकियों को संबोधित करेंगे, वहीं दूसरी ओर अलगाववादी सिख समूहों और पाकिस्तानियों ने विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है।
वहीं अमरीका में स्थित दो कश्मीरी कार्यकर्ताओं ने कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक संघीय कानूनी याचिका (फेडरल लॉसूट) दायर किया है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं और इस बाबत भारतीय अधिकारियों ने वाशिंगटन से संपर्क किया है। भारतीय अधिकारियों की ओर से इस मुकदमे के विभिन्न पहलुओं का पता लगाया जा रहा है।
ह्यूस्टन क्रॉनिकल की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमरीका स्थित दो कश्मीरी कार्यकर्ताओं और खालिस्तान रेफरेंडम फ्रंट द्वारा संयुक्त रूप से 73 पन्नों का मुकदमा दायर किया गया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भारतीय सेना के श्रीनगर स्थित 15 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल कंवलजीत सिंह ढिल्लों ने गैरकानूनी तरीके से कश्मीरी लोगों की हत्याओं को अंजाम दिया है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि भारत जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को रद्द करने के बाद कश्मीरियों के खिलाफ क्रूर व अमानवीय तरीके से पेश आ रहा है।
यह सिविल शिकायत एक संघीय कानून ‘टार्चर विक्टिम प्रोटेक्शन एक्ट-1991’ के तहत दर्ज कराई गई है। रिपोर्ट के अनुसार, न्यूयॉर्क के खालिस्तान रेफरेंडम फ्रंट ने कहा है कि संगठन की योजना मामले को एक क्लास एक्शन के रूप में सौंपने की है।