कानपुर: पूर्व सपा नेता अमर सिंह ने शनिवार को कहा कि भाजपा ने अभी उनके लिए अपने दरवाजे नहीं खोले हैं। लेकिन वे पूरी तरह से भाजपा और मोदी समर्थक बन चुके हैं। राज्य सभा सदस्य अमर सिंह कानपुर में पं. दीन दयाल उपाध्याय के जीवन पर आधारित एक पुस्तक के विमोचन समारोह में शामिल होने पहुंचे थे। मीडिया के सवालों के जवाब में अमर सिंह ने पहले इस सवाल पर एक व्यंग्यात्मक जुमला उछाला लेकिन फिर गम्भीर हो गए और बोले कि भाजपा में उनका समायोजन पार्टी आलाकमान अनुपयुक्त मान रही है। इसके अगले ही पल उन्होने फिर खुद को सुरक्षित पाले में रखते हुए ऐलान किया कि बिना पार्टी सदस्यता के भी वो भाजपा और मोदीमय हो चुके हैं।
अमर सिंह ने आरएसएस और पीएम मोदी की शान में कसीदे भी गढ़े और कहा कि दोनों को ही मुस्लिम विरोधी नहीं कहा जा सकता। अगर ऐसा होता तो राष्ट्रीय मुस्लिम मंच आरएसएस का हिस्सा न होता। शिवपाल के मोर्चे को एनडीए का हिस्सा बनाने में वो किस प्रकार की भूमिका का निर्वाह कर रहे हैं? इस सवाल पर अमर सिंह ने कहा कि शिवपाल यादव परिवार में सबसे अच्छे लेकिन उन्हें अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव की छाया से निकलना होगा, तभी उनका राजनैतिक भविष्य तय होगा।
अमर सिंह ने अखिलेश यादव को सलाह दी है कि वो कम्बोडिया की तर्ज पर विष्णु मन्दिर बनाने की बजाय राम के चरित्र का अनुसरण करें। उन्होंने तो अपने पिता को वनवास दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विजय माल्या और अरूण जेटली के सम्बन्धों पर चर्चा से पहले अपने गिरेहबान में झांके। उन्होंने एक फिल्मी गीत के साथ कांग्रेस पर तंज भी कसा और कहा यार हमारी बात सुनो, ऐसा एक इन्सान चुनो। जिसने पाप न किया हो जो पापी न हो।
पूर्व सपा नेता को आज कानपुर में दीन दयाल शोध केन्द्र के तत्वधान में उपाध्याय की जीवनी पर आधारित एक पुस्तक के मराठी संस्करण का विमोचन के लिए आमन्त्रित किया गया था। इससे एक बात साफ हो गई कि भले ही राजनैतिक कारणों से अभी भाजपा ने अमर सिंह को विधिवत पार्टी में भले ही शामिल नहीं किया हो, लेकिन भाजा ने अपने तमाम मंच पूर्व सपा नेता के लिए लगभग उपलब्ध करा दिए हैं। पिछले कुछ कार्यक्रमों में अमर सिंह भाजपा के कार्यक्रमों भी नजर आ चुके हैं।