अहमदाबादः इन दिनों राजनीतिक पार्टियों के लिए विशेषकर भाजपा व कांग्रेस के लिए गुजरात एक जंग का अखाड़ा बना हुआ है। और इसकी सबसे मजबूत कड़ी पाटीदार नेताओं के समर्थन के लिए दोनों ही पार्टियां पुर जोर कोशिशों में लगी हुई हैं। लगातार पार्टीयां इस मजबूत कड़ी को अपने साथ जोड़ने के लिए लुभावने अवसर भी प्रदान कर रहे हैं।
कल देर रात तक हुई कांग्रेस की बैठक में हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाली पाटीदार अनामत आंदोलन समिति यानि कि पीएएएस के आरक्षण की मांग पर ध्यान दिया गया और पीएएएस को तीन विकल्प दिए हैं। सूत्रों की मानें तो इसके तहत शिक्षण, स्वास्थ्य एवं सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने की बात कही गई हैं।
हैलो उत्तराखंड न्यूज से बात करते हुए गुतरात कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने यह साफ तो नहीं किया कि कांग्रेस ने पीएएएस को क्या विकल्प दिए हैं, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा है कि हां हमारी बहुत से मुद्दों को लेकर बात हुई है।
वहीं सूत्रों के अनुसार पीएएएस का कहना है कि नेताओं और कानून विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर ही निर्णय लिया जायेगा। और जो भी विकल्प होंगें उन्हें समुदाय के सामने रखा जायेगा। अगर समुदाय स्वीकार कर लेता है तो हम इस बारे में कांग्रेस पार्टी को सूचित कर देंगें।
बता दें कि कल हुई इस बैठक के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने पत्रकारों से हुई बातचीत में कहा था कि कांग्रेस और पीएएएस सदस्यों के बीच हुई इस बैठक से उम्मीद जगी है कि हम आगे एक साथ काम कर सकते हैं।
जिस प्रकार प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सिब्बल के बयान आए हैं, उससे कहीं न कहीं यह साफ हो गया है कि कांग्रेस और पीएएएस अब साथ में नजर आने वाली हैं जिससे गुजरात की राजनीति में बड़ा बदलाव भी संभव लगने लगा है। फिलहाल अभी तो हम केवल संभावना ही जता सकते हैं, इसका जवाब तो वक्त ही बतायेगा, क्यूंकि राजनीतिक समीकरण बदलने में कोई वक्त नहीं लगता।