रुद्रप्रयाग: धीमी गति से चल रहे ऑल वेदर सडक निर्माण के चलते अब आम जनता की मुसीबतें भी बढती जा रही हैं। आये दिन पेयजल आपूर्ति ठप्प होना, लाइट का घण्टों गुल रहना, सडकों पर धूल के गुव्वार उठना, कई दिनों तक ओएफसी लाइन कटने से कनेक्टविटी का बन्द रहना, भरी धूप व बारिश में भी जाम में फंसे रहना जैसे तो अब रुद्रप्रयाग जिले में आम होता जा रहा है। वहीं सडकों को इतना खुर्द-बुर्द कर दिया गया है कि कभी-भी बडी अनहोनी घट सकती है।
रुद्रप्रयाग जनपद से होकर बद्रीनाथ व केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं। इन दिनों यहां रुद्रप्रयाग-गौरीकुण्ड राजमार्ग पर कार्य चल रहा है साथ ही जनपद की सीमा में अभी बद्रीनाथ हाईवे पर कार्य शुरु नहीं हुआ है। केदारनाथ हाईवे पर भी कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है जिसके चलते अब जनता की समस्याएं भी बढती ही जा रही हैं। सडकों की हालत तो इस कदर खराब हैं कि किसी भी समय इन सडकों पर बडे हादसे हो सकते हैं।
वहीं राजमार्ग विभाग भी स्वीकार रहा है कि, कार्य की प्रगति धीमी है और कार्यदायी संस्थाओं को लगातार कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये जा रहे हैं। साथ ही बिजली, पेयजल व अन्य आवश्यक नागरिक सेवाओं को तत्काल बहाल करने के कडे निर्देश भी दिये गये हैं। ऐसे में अगर जनता की शिकायतें मिलती हैं तो विभाग ऐसे ठेकेदारों पर कार्यवाही करेगा।
इधर एसडीएम सदर देवानन्द शर्मा का कहना है कि, नागरिक सुविधाओं को तत्काल बहाल करने के शासन से कड़े निर्देश दिये गये हैं। साथ ही प्रशासन के द्वारा भी समय-समय पर मौनीटरिंग की जा रही है। ऐसे में अगर कार्यदायी ऐजेन्सियों द्वारा नियमों की अनदेखी की जा रही है तो इस पर तत्काल एक्शन लिया जायेगा।
विभागों में आपसी समन्वय न होना व कार्यों की मौनीटरिंग में खामियों के चलते ही ऑल वेदर सडक निर्माण का कार्य जनता की सुविधाओं पर भारी पड रहा है। सरकार ने साफ तौर पर ऐलान किया था कि मानसून काल से पहले ही पहाडी कटिंग का कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा, लेकिन अभी भी यहां कटिंग कार्य जारी है। ऐसे में कहा जा सकता है कि कार्यदायी ऐजेन्सियों पर प्रशासनिक तंत्र का नियत्रण ही नहीं है. जिससे ऐजेन्सियां बेखौफ होकर अपने कार्यों में धीमी गति से लगी हुई हैं।