नई दिल्ली: प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कश्मीर केंद्रित पार्टियों के नेताओं को अलगाववादियों से कहीं अधिक घातक करार दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर के ‘‘कथित’’ मुख्यधारा के नेता अलगाववादी नेताओं से ज्यादा ‘‘खतरनाक’’ हैं। जितेंद्र सिंह ने कहा कि ‘‘कश्मीर के कथित मुख्यधारा के नेता अलगाववादी नेताओं से ज्यादा खतरनाक हैं, क्योंकि अलगाववादियों के रुख के बारे में तुलनात्मक रूप से ज्यादा अंदाजा लगाया जा सकता है, लेकिन मुख्यधारा के नेताओं के रुख के बारे में आप पहले से कोई अंदाजा नहीं लगा सकते।’’
उन्होंने कहा कि कश्मीर के नेता जरूरत के हिसाब से कभी अलगाववादी तो कभी नेता बन जाते हैं। कश्मीर केंद्रित राजनीतिक पार्टियां सुरक्षा बलों पर भी अंगुली उठाती हैं भले ही उनके पास कोई पुख्ता सबूत भी न हो। मानवाधिकारों के ये रहनुमा कभी भी इतना साहस नहीं रखते हैं कि किसी आतंकवादी को आतंकवादी कह दें।
उन्होंने आरोप लगाया कि अलगाववादी किसी समर्पण के कारण नहीं बल्कि अपनी सुविधा से अलगाववादी हैं जबकि कथित मुख्यधारा के नेता तो अपनी सुविधा के मुताबिक पाले बदलते रहते हैं. मानवाधिकार हनन की निंदा ‘‘चुनिंदा’’ तरीके से किए जाने की प्रवृति को आड़े हाथ लेते हुए सिंह ने कहा, ‘‘कश्मीर केंद्रित राजनीतिक पार्टियां किसी अपुष्ट आरोप के आधार पर भी किसी सुरक्षाकर्मी पर तुरंत अंगुली उठा देती हैं, क्योंकि वे जानती हैं कि पलटवार का कोई जोखिम नहीं है क्योंकि सैनिक को तो अनुशासन का पालन करना ही है.’’