नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बीच अभिनेता अक्षय कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गैर चुनावी इंटरव्यू लिया। इसे न्यूज एजेंसी एएनआई ने जारी किया है। इसमें अक्षय ने प्रधानमंत्री से पूछा कि जो टीवी पर नजर आता है उससे इतर आपके विपक्षी नेताओं से कैसे रिश्ते हैं? इस पर मोदी ने कहा- हम साल में एक-दो बार साथ में खाना भी खाते हैं। मैं बोलूंगा तो चुनाव में नुकसान भी हो सकता है, लेकिन आपको बताऊं की ममता दीदी मुझे खुद पसंद करके कुर्ते और बंगाली मिठाई भी भेजती हैं। अक्षय ने यह इंटरव्यू नई दिल्ली में लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास पर लिया।
इससे पहले अक्षय ने सोमवार को ट्वीट किया था कि वे अनजान और अपरिचित क्षेत्र में कदम रखने वाले हैं। अगले ही दिन उन्होंने इसका खुलासा भी कर दिया। मंगलवार को उन्होंने ट्वीट में बताया कि वे बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खुलकर और बिल्कुल गैर राजनीतिक बातचीत करेंगे। अक्षय ने ट्वीट में लिखा , ‘‘जब पूरा देश चुनाव और राजनीति पर बातें कर रहा है, यह एक राहत देने वाला इंटरव्यू है। अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बेलाग बातचीत पूरी तरह से गैर राजनीतिक और स्पष्ट होगी।’’
While the whole country is talking elections and politics, here’s a breather. Privileged to have done this candid and COMPLETELY NON POLITICAL freewheeling conversation with our PM @narendramodi . Watch it at 9AM tomorrow via @ANI for some lesser known facts about him! pic.twitter.com/Owji9xL9zn
— Akshay Kumar (@akshaykumar) April 23, 2019
इसके जवाब में मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘प्रिय अक्षय कुमार, आपसे हर पहलू पर बात करके अच्छा लगा। उम्मीद है कि हमारी बातचीत सुनकर लोगों को आनंद आएगा।
Dear @akshaykumar, it was good talking to you about everything, except politics and elections 🙂
I'm sure people would like watching our conversation. https://t.co/4iyZS1n2rN— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) April 23, 2019
#WATCH PM Narendra Modi during interaction with Akshay Kumar, speaks on his friends in opposition parties, especially Ghulam Nabi Azad & Mamata Banerjee pic.twitter.com/8GkqrHpqXv
— ANI (@ANI) April 24, 2019
अक्षय के सवाल, मोदी के जवाब
अक्षय: एक बार मेरे ड्राइवर की बेटी से मैंने पूछा कि मोदी जी मिलें तो क्या सवाल करोगी? उसने कहा- क्या हमारे प्रधानमंत्री आम खाते हैं, खाते हैं तो कैसे, काटकर या गुठली के साथ?
मोदी: आम खाता हूं। यह मुझे पसंद भी है। गुजरात में आम रस की परंपरा है। छोटा था तो आम-वाम खरीदना, उस तरह की हमारी फैमिली लक्जरी तो थी नहीं। बचपन में पेड़ से पके आम तोड़कर खाना पसंद था। बाद में आम रस खाने की आदत लगी। लेकिन अब मुझे कंट्रोल करना पड़ता है कि खाऊं या नहीं।
अक्षय: कभी सोचा था कि प्रधानमंत्री बनेंगे? यह विचार कब आया?
मोदी: मैंने कभी नहीं सोचा था कि पीएम बनूंगा। जो मेरा फैमिली बैकग्राउंड है उसमें मुझे कोई अच्छी सी नौकरी भी मिल जाती तो मां पड़ोसियों को गुड़ खिला देती। मुझे आश्चर्य हो रहा है कि देश मुझे इतना प्यार क्यों दे रहा है।
अक्षय: आप संन्यासी बनना चाहते थे? सेना में जाना चाहते थे।
मोदी: 1962 की जंग हुई। स्टेशन पर देखा जो लोग फौज में जा रहे थे, उनका काफी सम्मान होता था। मैं भी वहां चला जाता था। तब मन में आया कि यह देश के लिए कुछ करने का माध्यम है।
अक्षय: क्या हमारे प्रधानमंत्री को गुस्सा आता है? आता है तो किस पर और कैसे निकालते हैं?
मोदी: राजी-नाराजगी यह स्वभाव के हिस्से हैं। हर प्रकार की चीज सब में होती है। आपके स्वभाव में ईश्वर ने दिया है आपको तय करना है। मैं इतने दिन तक मुख्यमंत्री रहा, इतने दिन प्रधानमंत्री रहा, किसी चपरासी से लेकर चीफ सेक्रेटरी तक पर गुस्सा करने का अवसर नहीं मिला। कोई मेरे लिए कुछ लाया तो मैं तो खुद हेल्पिंग हैंड के रूप में खड़ा हो जाता हूं। मैं लोगों से सीखता भी हूं और सिखाता भी हूं। मेरे अंदर गुस्सा होता होगा, लेकिन मैं व्यक्त करने से खुद को रोक लेता हूं।
अक्षय: आप मां के साथ नहीं रहना चाहते?
मोदी: मैं पीएम बनकर घर से निकला होता तो लगता कि सब मेरे साथ रहें। लेकिन मैंने बहुत छोटी उम्र में वह सब छोड़ दिया। मैं घर छोड़कर निकल गया तो मेरी ट्रेनिंग वैसी हुई। लेकिन फिर भी मैंने मां को बुला लिया था। कुछ दिन उनके साथ बिताए। लेकिन मां कहती थी, क्यों अपना समय खराब करते हो। जितने दिन मां रही, मैं अपने शेड्यूल में ही लगा रहता था। रात को 12 बजे आता तो मां को दुख होता कि ये क्या कर रहा है।
अक्षय: जब आप मुख्यमंत्री थे तब मिला था तब मैंने आपको एक-दो चुटकुले सुनाए थे। क्या पीएम बनने के बाद भी आपका वैसा ही ह्यूमर है? आपकी छवि बेहद स्ट्रिक्ट नजर आती है।
मोदी: मेरी यह छवि गलत तरीके से पेश की गई है। ऑफिस जाता हूं, तो खुद काम करता हूं तो दूसरों को भी लगता है कि ये करते हैं तो हमें भी करना चाहिए। कई बार रात 11 बजे फोन करके पूछता हूं कि फलां काम हुआ कि नहीं। मैं काम के वक्त काम करता हूं। इधर-उधर की बात में वक्त बर्बाद नहीं करता। मेरी मीटिंग में कोई मोबाइल इस्तेमाल नहीं करता। मेरा फोन भी नहीं आता। जहां तक ह्यूमर का सवाल है। मेरे परिवार में पिताजी कभी नाराज हों तो मैं एक-दो मिनट में ही माहौल को हल्का कर देता था।
अक्षय: सुना है आपने अपनी जमा पूंजे के 21 लाख रुपए भी बच्चियों के लिए दान कर दिए थे?
मैंने अपने सेक्रेटरी की बच्चियों की मदद के लिए गुजरात सरकार को 21 लाख रुपए दिए। सरकार की तरफ से विधायक को कम पैसे में प्लॉट मिलता है। मैंने वह भी पार्टी को ले लेने के लिए कहा।
अक्षय: सुना है गुजराती पैसों के लिए बहुत सही रहते हैं, लेकिन आपने अपने पैसे दे दिए, प्लॉट दे दिया? आपको एक चुटकुला सुनाता हूं। एक गुजराती बुजुर्ग आदमी मर रहा होता है। तो पूछता है मेरा लड़का कहां है? बेटा कहता है- मैं यहां हूं। बुजुर्ग पूछता है- मेरी बेटी कहां है? वह कहती है- मैं यहां हूं। मेरी बीवी कहां है? वह कहती है- मैं यहां हूं। तो बुजुर्ग कहता है- फिर दुकान पर कौन है?
मोदी: एक मैं भी सुना दूं। एक बार ट्रेन में ऊपर की बर्थ पर कोई पैसेंजर सोया था। स्टेशन आया तो खिड़की से बाहर छांककर जाते हुए व्यक्ति से पूछा- कौन सा स्टेशन आया? उसने कहा चार आना दोगे तो बताऊंगा। इस पर यात्री ने कहा- रहने दे, अहमदाबाद आया होगा।
अक्षय: आपको अगर अलादीन का चिराग मिल जाए तो क्या करेंगे?
मोदी: मैं तो मांगूंगा कि जितने भी समाजशास्त्री हैं उनके दिमाग में भर दे कि वे बच्चों को अलादीन वाली कहानी सुनाना बंद कर दें। बच्चों को मेहनत करना सिखाएं।
अक्षय: सीएम से पीएम बने तो इस घर में सबसे वैल्युएबल चीज क्या लाए थे?
मोदी: शायद इससे पहले दूसरे प्रधानमंत्रियों को यह लाभ नहीं मिला जो मुझे मिला। वह यह है कि मैं लंबे समय तक मुख्यमंत्री बनकर आया। मैं गुजरात का सबसे लंबा समय तक रहा मुख्यमंत्री था। यह तजुर्बा शायद किसी को नहीं मिला। देवेगौड़ा साहब मुख्यमंत्री रहे थे, लेकिन कम समय के लिए। मैं मान सकता हूं कि यह चीज मैं वहां से लेकर आया जो देश के काम आ रही है।
अक्षय: आप साढ़े तीन घंटे ही सोते हैं। इतना कम क्यों?
मोदी: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी मुझसे मिले तो यही कहा- आप ऐसा क्यों करते हैं? लेकिन मैं कहता हूं कि कम समय में भी मेरी नींद पूरी हो जाती है।