दावोस: कर्ज के बोझ तले दबी सरकारी एयरलाइन एअर इंडिया की विनिवेश की तैयारियों के बीच गोयल ने विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के ‘भारत रणनीतिक परिदृश्य’ सत्र में बोलते हुए कहा, ‘यदि मैं आज मंत्री नहीं होता तो मैं एअर इंडिया के लिए बोली लगाता। इसके दुनियाभर में कुछ बेहतरीन द्विपक्षीय समझौते हैं, दक्ष और बेहतर ढंग से व्यवस्थित एअर इंडिया के पास काफी अच्छे विमान हैं इस लिहाज से यह किसी सोने की खान से कम नहीं है।’
एअर इंडिया काफी समय से घाटे में चल रही है और अब सरकार इसकी विविनेश प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में लगी है। गोयल ने कहा कि पहले कार्यकाल में हमारी सरकार को ऐसी अर्थव्यवस्था विरासत में मिली थी, जो काफी बुरे हाल में थी। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को ठीक रास्ते पर लाने के लिए कई कदम उठाए गए। यदि सरकार पहले इन बहुमूल्य कंपनियों का विनिवेश करती तो अच्छा मूल्य नहीं मिलता।