नई दिल्ली: मुंबई में तीन दिन से चल रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठक शुक्रवार को खत्म हुई। बैठक के खत्म होने के बाद संघ के सरकार्यवाहक भैयाजी जोशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर जरुरत पड़ेगी तो हम एक बार फिर 1992 जैसा आंदोलन करेंगे।
आरएसएस के महासचिव भैया जी जोशी ने कहा, कि हमें उम्मीद थी कि दिवाली से पहले राम मंदिर पर फैसला आ जाएगा लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हिंदुओं का अपमान हुआ है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट हिंदुओं की भावानाओं को समझेगा और संवेदनशील मुद्दे जल्द सुलझाएगा।
भैय्याजी जोशी ने कहा कि राम मंदिर में कुछ कानूनी बाधाएं हैं, इस पर राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट प्राथमिकता से विचार करें।
Avashyakta padi to karenge: Bhaiyyaji Joshi, RSS when asked 'Jis tarah se 1992 mein aandolan kiya gaya tha us tarike se aadnolan kiya jaagea iss mudde par?' #RamMandir pic.twitter.com/x0YkEC7VIQ
— ANI (@ANI) November 2, 2018
हम सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की उपेक्षा नहीं है, लेकिन न्यायालय की जिम्मेदारी बनती है कि वे लोगों की भावनाओं का सम्मान करे। अगर कोई विकल्प नहीं बचता है, तो सरकार को इस पर भी विचार करना ही पड़ेगा।
उन्होंने इस दौरान संघ के विस्तार की जानकारी दी। भैयाजी जोशी ने कहा कि हम हमेशा कार्यकारी मंडल की बैठक में हम समीक्षा करते हैं, शाखा के विकास की बात होती है। पिछले 6 वर्षों से एक गति से आगे बढ़ रहे हैं, इतने समय में डेढ़ गुना काम बढ़ा है।
आपको बता दें कि शुक्रवार को ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस बैठक के खत्म होने पर संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी. भागवत के अलावा शाह कई अन्य संघ नेताओं से भी मिले। बताया जा रहा है कि भागवत और शाह के बीच हुई मुलाकात में राम मंदिर निर्माण के अलावा विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनावों के बारे में चर्चा हुई। अमित शाह गुरुवार देर रात ही मुंबई पहुंचे थे।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बुधवार को अयोध्या में भव्य राम मंदिर के शीर्घ निर्माण के लिए अध्यादेश लाने या कानून बनाने की अपनी मांग को दोहराया था। आरएसएस के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य ने कहा था कि राम मंदिर का निर्माण राष्ट्रीय गौरव का विषय है और अभी तक अयोध्या विवाद का हल अदालतों में नहीं निकला है।