टिहरी: टिहरी में एक व्यक्ति के डीएम कार्यालय में जहर खाकर जान देने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार टिहरी में उसने स्किल इंडिया के तहत स्वरोजगार का प्रशिक्षण भी लिया था। ट्रेनिंग समाप्त होने के बाद उस व्यक्ति ने लोन के लिए आवेदन किया, लेकिन गारंटर नहीं मिलने के कारण बैंकों ने उसका आवेदन लेने से इंकार कर दिया।
हैल्लो उत्तराखंड न्यूज़ को जानकारी देते हुए टिहरी पुलिस ने बताया कि मृतक ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमे उसने परिवार के ही कुछ लोगों द्वारा उसके गारंटर बने लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है। साथ ही अपनी मौत का जिम्मेदार उन्हीं लोगों को बताया है।
इससे पहले परेशान मदन सिंह ने डीएम कार्यालय परिसर में ही जहर खा लिया। उसे उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
इस मामले में कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने मामले की जांच की मांग करते हुए सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि एक ट्रांसपोर्टर पहले ही भाजपा कार्यालय में जहर खा चुका है। अब टिहरी के डीएम कार्यालय में ही जहर खाकर अपनी जान देने का मामला सामने आ गया है। यह गंभीर बात है। उन्होंने कहा कि इसको हल्के में नहीं लिया जा सकता।
प्रदेश में किसानों की आत्म हत्या, ट्रांसपोर्टर के मौत का मामला सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है। सरकार की नीतियों के चलते किसान और ट्रांसपोर्ट अपनी जान दे चुके हैं। अब बेराजगार के जान देने का मामला भी हो गया है। बावजूद इसके सरकार जाग नहीं रही है। ताजा मामला टिहरी जिले का है। चंबा निवासी मदन सिंह टिहरी में स्किल इंडिया के तहत प्रशिक्षण के लिए गया था। प्रशिक्षण की शर्त यह थी कि ट्रेनिंग के बाद लोन दिया जाएगा, जिससे प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके लोग स्वरोजगार शुरू कर सकें। इसी प्रक्रिया के तहत मदन सिंह ने भी लोन के लिए आवेदन किया, लेकिन उसका आवेदन किसी भी बैंक ने स्वीकार नहीं किया। इसके बाद वह डीएम टिहरी के पास पहुंचा। निराशा हाथ लगने के बाद उसने डीएम कार्यालय में ही जहर खा लिया। बताया जा रहा है कि कार्यालय से बाहर आते ही परिसर में वह बेहोश होकर गिर पड़ा। डीएम कार्यालय में तैनात कर्मचारियों ने ही मामले की जानकारी पुलिस को दी। मदन सिंह को उपचार के लिए अस्पताल लेजाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि मामला गंभीर है। मौत के कारणों की जांच से जरूरी यह है कि पहले यह पता लगाया जाए कि मदन सिंह ने जहर कहां खाया। उन्होंने कहा कि अगर डीएम के सामने जहर खाया है, तो यह बहुत गंभीर बात है। उनका कहना है कि जानकारी के अनुसार मदन सिंह ने डीएम कार्यालय में ही जहर खाया है। उन्होंने कहा कि इसकी जांच होनी जरूरी है। डीएम के सामने कोई जहर खाए यह आम बात तो हो नहीं सकती। इधर, हैलो उत्तराखंड न्यूज से बात करते हुए सीओ टिहरी हीरा सिंह रौथाण की मानें तो मृतक मानसिक रूप से परेशान था। उसके चलते ही उसने जान दी है। परिजनों से पूछताछ में भी यह बात सामने आई है कि मानसिक रूप परेशान था। पत्नि से भी विवाद की बात भी सामने आई है।