प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के मैनिफेस्टो की आलोचना करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (AFSPA) को खत्म करना हमारे सैनिकों को फांसी के तख्त पर चढ़ाने जैसा है। न्यूज 18 दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि, सेना का आत्मविश्वास बनाए रखने के लिए आफस्पा को जारी रखना जरूरी है।
पीएम मोदी ने कहा कि अशांत क्षेत्रों में आफस्पा ज़रूरी है। इसे खत्म करने के लिए पहले वैसा माहौल बनाना पड़ेगा जैसे कि अरुणाचल प्रदेश में सरकार ने आंशिक तौर पर इसे खत्म किया है। उन्होंने कहा, ‘सबसे पहले हमने अरुणाचल प्रदेश के कुछ जिलों में इसे खत्म किया। 1980 में हमारी पहली सरकार थी जिसने इस संबंध में कदम उठाए। लेकिन हमने कानून व्यवस्था को लागू रखा।’
बता दें कि कांग्रेस ने पिछले हफ्ते अपना मैनिफेस्टो जारी किया था जिसमें पार्टी ने जम्मू कश्मीर से आफस्पा हटाने से लेकर देशद्रोह जैसे कानून में भी संशोधन करने की बात कही थी। बीजेपी ने इसकी कड़ी आलोचना की थी। हालांकि, कांग्रेस ने सफाई देते हुए कहा था कि यह सिर्फ मानवाधिकार का उल्लंघन किए जाने की स्थिति में ही होगा। पीएम मोदी ने कांग्रेस के मैनिफेस्टो को लेकर यह भी आरोप लगाया था कि कांग्रेस का रवैया आतंकवाद को लेकर काफी नरम है। उन्होंने कहा था, ‘आतंकवाद को लेकर कांग्रेस पार्टी के विचार पाकिस्तान से मिलते जुलते हैं। आफस्पा को खत्म करना सैनिकों के हाथ से हथियार छीनने जैसा है।’
आफस्पा सेना को विशेष अधिकार देती है जिसके तहत वह बिना वारंट के किसी को भी गिरफ्तार कर सकते हैं, कानून व्यवस्था के खिलाफ काम करने वालों पर गोली चला सकते हैं या बल प्रयोग कर सकते हैं। इसके तहत सैनिकों को कानूनी रुप से इम्यूनिटी हासिल है।