नैनीतालः नए साल को लेकर एक ओर जहां पर्यटकों से पर्यटक स्थल गुलजार रहे। वहीं नैनीताल में इस बार 60 प्रतिशत से ज्यादा सैलानियों की संख्या में कमी आई है।
दरअसल पुलिस और सिविल प्रशासन की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति से नैनीताल में पर्यटक पूर्ण रूप से प्रभावित रहा। जिसके कारण होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन में इसको लेकर खासी नाराजगी देखी गई। एसोसिएशन ने पुलिस विभागीय कार्यप्रणाली से आहत होकर कल देर शाम विरोध में कैंडल मार्च निकाला। होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन के पदाधिकारी प्रवीन शर्मा ने हैलो उत्तराखंड न्यूज से बात करते हुए कहा कि प्रशासन ने नैनीताल और मसूरी में उन ही पर्यटकों को आने की इजाजत दी जिन्होंने होटलों में बुकिंग की थी। बाकी उन पर्यटकों को कालाढुंगी और झील के पास से नहीं आने दिया जिनकी बुकिंग नहीं थी। जिसके कारण क्रिस्मस से लेकर न्यूईयर तक 60 प्रतिशत पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। साथ ही उनका यह भी कहना कि प्रशासन ने गलत प्रचार किया जिसके कारण पर्यटक कम ही आए।
मसूरी नगर पालिका अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने कहा कि इस साल पर्यटकों में 50 फीसदी गिरावट आई है। जिसके कारण काफी नुकसान भी हुआ है। जिसका कारण पुलिस प्रशासनीय कार्यप्रणाली है। क्योंकि इस बार पर्यावरण और यातायात व्यवस्था को देखते हुए ना तो पर्सनल गाड़ियों को मसूरी जाने दिया गया और ना ही बिना बुकिंग के।
वहीं लैंसडॉन में भी बेहतर पार्किंग व्यवस्था न देने पर भी लैंसडॉन होटल एसोसिएशन ने कैंडल मार्च निकाला। इस दौरान एसोसिएशन ने कहा कि विगत 6 माह पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने लैंसडॉन आगमन पर पार्किंग की घोषणा की थी लेकिन घोषणा मात्र घोषणा ही साबित हो रही है। जिसके कारण पर्यटकों की संख्या में लगातार कमी आती जा रही है। उनका कहना है कि यदि इस सीजन में पर्यटक नहीं आयेंगे तो फिर विभाग और एसोसिएशन को नुकसान होगा।