नैनीताल: पूर्व में हाईकोर्ट की एकलपीठ ने निकायों के सीमा विस्तार मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार की ओर से इस संबंध में जारी 5 अप्रैल 2018 की अधिसूचना को निरस्त कर दिया था। एकलपीठ के इस आदेश को सरकार की ओर से स्पेशल अपील दायर कर दी गई है। इस प्रकरण पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है।
बता दें कि 14 मई को न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ ने निर्णय देते हुए सरकार की ओर से 5 अप्रैल 2018 को जारी अधिसूचना को निरस्त कर दिया था। मामले में एकलपीठ के समक्ष कोटद्वार के मवाकोट के 35 ग्राम सभाओं सहित भवाली, डोईवाला, तिलवाडा, हल्द्वानी, काशीपुर, टनकपुर, पिथौरागढ सहित दो दर्जन से अधिक निकायों की सीमा विस्तार के मामले में अलग-अलग याचिकाएं दायर कर सरकार की ओर से जारी 5 अप्रैल 2018 के नोटिफिकेशन को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि, संविधान में स्पष्ट प्रावधान है कि राज्यपाल ही किसी भी क्षेत्र को नगरपालिका में शामिल करने के लिए अधिकृत है तथा प्रावधान द्वारा प्रदत शक्ति किसी अन्य को हस्तांतरित नही की जा सकती है। एकलपीठ के समक्ष सरकार की ओर से कहा गया था कि, उनके द्वारा किया गया कोई भी कार्य राज्यपाल द्वारा किया गया ही माना जाता है। पूर्व में एकलपीठ ने सभी याचिकाओं को निस्तारित करते हुए सरकार की ओर से जारी 5 अप्रैल 2018 की अधिसूचना को निरस्त कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने स्पेशल अपील के माध्यम से चुनौती दी है। इस प्रकरण पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है।