न्यूज रिएक्शन
अधिकारियों ने एक बार फिर सरकार की किरकिरी कराई है। दरअसल, पिथौरागढ़ में आपदा में फंसे लोगों की मदद के लिए हेलकाॅप्टर सेवा की व्यवस्था सरकार ने की है। इसको लेकर यूकाडा की ओर से एक आदेश जारी किया गया था। जिसमें लिखा गया था कि मुख्यमंत्री के विशेष अनुमोदन पर लोगों से 2100 के साथ जीएसटी जोड़कर 3100 रुपये किराया वसूला जाएगा। आदेश की काॅपी लोगों के हाथ लगते ही सोशल मीडिया पर इसको लेकर जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली। न्यूज वेबसाइटों ने भी इस पर खबरें चलाईं, जिसके बाद सरकार को सफाई देनी पड़ी।
यह कोई पहला मामला नहीं है, जब सरकार को अधिकारियों की ओर से जारी आदेश की भाषा शैली स्पष्ट नहीं होने के कारण सरकार की किरकिरी हुई हो। इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। आदेश में आपदा में फंसे सामान्य लोगों को बचाने की बात कही गई थी। जबकि आपदा में आदेश यह था कि पिथौरागढ़ की अधिक संवेदनशीलता को देखते हुए वहां हेलीकाप्टर रखने का निर्णय किया गया। साथ ही हेली परिवहन कम्पनी को स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि आपदा में फंसे लोगों व स्थानीय नागरिकों से कोई किराया नही लिया जाएगा। जब हेलीकाप्टर की आपदा राहत के लिए जरूरत न हो केवल उस समय पिथौरागढ़ में धारचुला से गुंजि तक सामान्य यात्रियों (जो कि आपदा प्रभावित नही हैं) को ले जाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है और इसके लिए यात्री से किराया 2500 रूपए प्लस जीएसटी लिया जा सकेगा। यह किराया सिर्फ नॉन रेस्क्यू उड़ानों के लिए निर्धारित किया गया है। परंतु आपदा बचाव के लिए जरूरत होने पर हेलीकाप्टर सामान्य यात्रियों के लिये प्रयोग नहीं किया जाएगा। आपदा में फंसे लोगों व स्थानीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए उनसे किसी तरह का कोई किराया नही लिया जाएगा।