देहरादून: इन दिनों एसिड अटैक को लेकर देशभर में चर्चा हो रही है, हालाँकि फ़िलहाल इस तरह की घटनाओं में कमी जरूर आई है, लेकिन चर्चा में आने कारण दीपिका पादुकोण की फिल्म “छपाक” है। जो फिल्म एसिड अटैक पीडिता पर आधारित है। वहीँ इस फिल्म को लेकर राजनितिक गलियारों में भी गहमागहमी है। जिसके बाद से ही कहीं इस फिल्म को टैक्स फ्री किया गया तो कहीं बहिष्कार। वहीँ एसिड अटैक पीड़ितों को उत्तराखंड सरकार आर्थिक सहायता देने पर भी अमल कर रही है। इसी क्रम में दून पुलिस ने भी इस पर सख्त कदम उठाए हैं।
वर्ष 2003 में सोनाली मुखर्जी व 2005 में लक्ष्मी अग्रवाल पर हुए एसिड अटैक जैसी विभत्स घटनाओं ने देश की महिलाओं की सुरक्षा को लेकर झकझोर कर रख दिया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एसिड की बिक्री को लेकर इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किये। जिसके तहत एसिड विक्रय करने वाले व्यक्तियों को एसिड विक्रय के लिए लाइसेंस अनिवार्य किया गया, साथ ही एसिड खरीदने वाले व्यक्तियों की विक्रेताओं के यहाँ रजिस्टर में एंट्री व उसकी फोटो पहचान पत्र को प्रत्येक विक्रेता द्वारा अपने पास संचित किए जाना अनिवार्य कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट के कड़े दिशानिर्देशों के बावजूद देहरादून में निर्देशों का उल्लंघन करने की कई शिकायतें पुलिस को मिली, जिसका संज्ञान एसएसपी देहरादून ने लिया। इस क्रम में एसएसपी ने सभी थाना प्रभारियों को कड़े दिशा-निर्देश दिए कि, अपने थानों के स्तर पर सभी संभावित स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई करें और साथ ही सादे कपड़ों में भी जाकर ऐसे विक्रेताओं को चिन्हित करें, जो दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें।
इसके आलावा एसएसपी ने देहरादून में बड़े स्तर पर इसके खिलाफ अभियान चलाने के दिशा-निर्देश दिए हैं और सभी थाना प्रभारियों को प्रत्येक दिन की रिपोर्ट देने को आदेश दिया है। साथ ही सख्त हिदायत भी दी कि, यदि इस अभियान के बाद किसी थाना क्षेत्र में खुले में एसिड की बिक्री होती मिली, तो संबंधित थाना प्रभारी पर भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।