नई दिल्ली: रुपये ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 72 पर पहुंच गया। ये रुपये का अब तक का सबसे निचला स्तर है। इससे पहले रुपए ने 71 का नया रिकॉर्ड बनाया था। डॉलर लगातार मजबूत होता जा रहा है। रुपए की मजबूती से भारत को दिक्कत हो सकती है। हम विदेश से कई चीजों का आयात करते हैं। रुपये के कमजोर होने से ये चीजें महंगी हो जाएंगी।
गुरुवार को रुपया 72.1 पर ट्रेड कर रहा था। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और उभरती हुई इकोनॉमी में कमजोरी के कारण डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है। रुपये की गिरावट को थामने के लिए रिजर्व बैंक ने कल कुछ उपाय किए थे। व्यापार युद्ध की आशंका के चलते भी डॉलर में तेजी देखी जा रही है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा था कि रुपए में गिरावट वैश्विक कारणों से आ रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपये की स्थिति बेहतर है।
गुरुवार को पिछले छह कारोबारी सत्रों में रुपया 165 पैसे टूट चुका है। वित्त मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यदि आप घरेलू आर्थिक स्थिति और वैश्विक स्थिति को देखें, तो इसके पीछे कोई घरेलू कारक नजर नहीं आएगा। इसके पीछे वजह वैश्विक है।जेटली ने कहा कि डॉलर लगभग सभी मुद्राओं की तुलना में मजबूत हुआ है। वहीं दूसरी ओर रुपया मजबूत हुआ है या सीमित दायरे में रहा है। उन्होंने कहा कि रुपया कमजोर नहीं हुआ है। यह अन्य मुद्राओं मसलन पाउंड और यूरो की तुलना में मजबूत हुआ है।
रुपये में आ रही लगातार गिरावट के असर अब बाजार पर भी पड़ने लगा है। अब तक बढ़त के साथ खुल रहे शेयर मार्केट में भी आज सुबह से ही गिरावट देखने को मिली। अब तक बाजार हरे निशान के साथ ही ज्यादातर दिनों में खुला और बंद भी बढ़त के साथ ही हो रहा था, लेकिन हार बाजार गिरावट के साथ खुला। हालांकि विदेशी मुद्रा में निवेश करने वाले लोगों को इससे लाभ भी मिल रहा है। मगर, रुपये में लगातार आ रही गिरावट के चलते महंगाई बढ़ जाएगी, जिसका सीधा प्रभाव आम लोगों पर पड़ेगा।