देहरादून: पिछले दिनों पंजाब, हरियाणा समेत कई अन्य राज्यों में पराली जलाने से आसमान में वायु प्रदुषित हो गयी। जिसका असर हमें दिल्ली में भयानक रूप से देखने को मिल रहा है लेकीन अब इस परेशानी से लोगों को निजात मिलेगी। अब किसान पराली जलाएंगे नहीं, बल्कि उससे कंपोस्ट खाद तैयार की जाएगी। इसी सम्बन्ध में बिनीता शाह नेगी खाद बनाने की विधि को किसानों तक पहुंचा रही हैं। दून के कई गांवों में पराली से कंपोस्ट बनानी शुरू भी कर दी गयी है।
सुपा एग्रीकल्चर रिसर्च ग्रुप (एसएआरजी) की सीईओ बिनीता शाह नेगी ने बताया कि बायो-डायनामिक विधि से पराली से कंपोस्ट खाद बनाई जा सकती है। इसमें गोबर की मात्रा 30 प्रतिशत होती है जबकि पराली की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। इसके अलावा कल्चर, जंगली घास भी मिलाई जाती है। इस खाद को बनाने में किसान को बाहर से कुछ खरीदना नहीं पड़ेगा।
इन राज्यों में रंग ला रही मुहीम:
इस खाद को बनाने में किसानों को करीब 40 पैसा प्रति किलो की लागत आएगी, जबकि बाजार से उन्हें 35 से 40 रुपये प्रति किलो कंपोस्ट खाद खरीद कर लानी पड़ती है। वह दून के थानो, कुमाल्दा समेत चार गांवों को इस प्रोजेक्ट से जोड़ चुकीं हैं, जहां कई किसानों ने पराली से कंपोस्ट खाद तैयार करनी शुरू भी कर दी है।