नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 328 दवाओं पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। सरकार ने जिन दवाओं पर रोक लगाई है उनमें वो दवाएं हैं जो लोग जल्द आराम पाने के लिए मेडिकल शॉप से बिना पर्चे के खरीद लेते हैं। इसमें कई दवाएं सिरदर्द, जुकाम, पेट दर्द जैसी बीमारी में ली जाती हैं। इसके अलावा मंत्रालय ने कुछ शर्तों के साथ छह एफडीसी के उत्पादन, बिक्री अथवा वितरण को भी प्रतिबंधित कर दिया है। जिन दवाओं पर रोक लगाई गई है, उनमें सेरिडॉन, विक्स ऐक्शन 500, कोरेक्स, सुमो, जीरोडॉल, फेंसिडील, जिंटाप, डिकोल्ड और कई तरह के ऐंटीबायॉटिक्स, पेन किलर्स, शुगर और दिल के रोगों की दवाएं शामिल हैं। बता दें कि वैसे भी एफडीसी दवाएं मरीजों के लिए खतरनाक होती हैं और इन्हें कई देशों में बैन भी किया जा चुका है।
बता दें कि एफडीसी दवाएं वह होती हैं, जिन्हें दो या उससे ज्यादा दवाओं को मिलाकर बनाया जाता है। इन दवाओं पर देश में एक लंबे समय से विवाद हो रहा है। इससे पहले सरकार ने मार्च 2016 में 349 एफडीसी पर बैन लगा दिया था। दवा कंपनियां इस बैन के खिलाफ दिल्ली और अन्य हाई कोर्ट में चली गई थीं। दिल्ली हाई कोर्ट ने बैन को खारिज कर दिया था। इस पर सरकार और कुछ निजी हेल्थ संगठन सुप्रीम कोर्ट चले गए। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से बैन की गई दवाओं की जांच के लिए एक कमिटी बनाने और रिपोर्ट देने को कहा था।