देहरादून: फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा विवाद को लेकर हो रहे विरोध के बीच अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने परीक्षा रद्द करने से साफ इनकार कर दिया है। आयोग ने ये दावा किया है कि भर्ती परीक्षा में न तो पेपर लीक हुआ और न ही घोटाला। यह एक नकल का मामला है, जिसकी जांच एसआईटी कर रही है।
रविवार को आयोग के अध्यक्ष एस राजू ने फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए आयोग की वेबसाइट के माध्यम से उम्मीदवारों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में चयन आयोग का गठन हुआ था।
वर्ष 2015 से आयोग ने भर्ती परीक्षाएं शुरू कीं। अब तक 66 भर्ती परीक्षाएं हो चुकी हैं। पहली बार फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में परीक्षा रूम में मोबाइल और ब्लूटूथ डिवाइस का इस्तेमाल करने की शिकायत मिली है। एसआईटी और साइबर सेल मामले की जांच कर रही है।
आयोग एक स्वतंत्र निकाय है। भर्ती परीक्षा कराने में आयोग का प्रदेश सरकार से कोई संबंध नहीं है। उनका कहना है कि 66 भर्ती परीक्षाओं में से छह परीक्षाओं में गड़बड़ी की बात सामने आई, पांच मामलों में आयोग ने स्वयं ही गड़बड़ी पकड़ कर मुकदमा दर्ज कराया।