विकासनगरः जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा मोर्चा 17 जून 2013 में प्रदेश में स्थापित समस्त औद्योगिक इकाइयों में स्थानीय बेरोजगारों को 70 फीसदी रोजगार उपजिलाधिकारी की ओर से प्रदत्त निवास प्रमाण पत्र के आधार पर उपलब्ध कराये जाने की दिशा में शासन से आदेश पारित कराये थे, जिसके क्रम में शासन द्वारा निदेशक, उद्योग को अनुपालन सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिये गये थे।
निदेशक ने प्रदेश के समस्त महाप्रबन्धकों को 8 अक्टूबर 2013 को तत्काल कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। जनपद देहरादून के महाप्रबन्धक ने युवाओं को रोजगार प्रदान किये जाने की दिशा में कोई पहल नहीं की गयी थी। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि पूर्व में औद्योगिक इकाइयों ने ग्राम प्रधान, सदस्य, बीडीसी इत्यादि द्वारा संस्तुत निवास प्रमाण पत्रों के आधार पर स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार प्रदान किया जा रहा था। इसी व्यवस्था के खिलाफ शासन में लड़ाई लड़ी गयी थी। जनपद देहरादून के महाप्रबन्धक, जिला उद्योग केन्द्र द्वारा मामले में कौताही बरतने पर मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा पीन्नी ने सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया था।
जिस पर कार्यवाही करते हुए राज्य सूचना आयुक्त जेपी मंमगाई ने दिनांक 19 दवंबर 2018 को महाप्रबंधक देहरादून को दो माह के भीतर कार्यदत गठित करने के निर्देश पारित किये तथा निदेशक, उद्योग को भी मामले की गंभीरता से अवगत कराने के निर्देश दिये। मोर्चा औद्योगिक इकाइयों में स्थानीय बेरोजगारों यानि प्रदेश के युवाओं का हक मरने नहीं देगा।