कश्मीर: कश्मीर घाटी में आतंकवाद और अलगाववाद इन दिनों छटपटा रहे हैं। एक तरफ जहां सेना ने आतंकियों की कमर तोड़कर रख दी। वहीं, दूसरी ओर सरकार ने अलगाववादियों पर नकेल कसते हुए प्रतिबंध लगा दिया। इन दोनों ही कार्रवाइयों से आतंकी और अलगाववादी पूरी तरह बौखलाए हुए हैं। उन्होंने चुनाव के बहिष्कार का एलान किया। आतंकियों ने धमकी भी दी, लेकिन लोगों पर उनकी चेतावनी और धमकियों का असर नजर नहीं आ रहा है। घाटी में अब चुनावी नारे बुलंद हो रहे हैं। घाटी के बांदीपुरा और अनंतनाग जनपद आतंक से सबसे अधिक ग्रसित हैं। इन्हीं दोनों जिलों में लोगों ने चुनाव प्रचार में खुलर हिस्सेदारी कर आतंकियों और अलगाववादियों को कदा जवाब दिया है।
कश्मीरी में आतंकवाद से सबसे ज्यादा ग्रसित क्षेत्रों के दो विडियो वायरल हो रहे हैं। इनमेंसे पहला विडियो बांदीपुरा जिले का है, यहां ना केवल लोगों ने चुनाव प्रचार किया, बल्कि शहर में रैली निकालकर प्रदर्शन भी किया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों के भीतर आतंकवाद को लेकर कितना गुस्सा है। जिस तरह से महिलाएं, बड़े और युवा चुनाव प्रचार में भागीदारी कर रहे हैं। उससे एक बात तो साफ है कि लोगों ने अलगाववादियों को कड़ा जवाब देने की ठान ली है।
दूसरा विडियो अनंतनाग जिले का है, जहां महिलाएं अपने प्रत्याशी के पक्ष में नारे तो बुलंद करती नजर आ ही रही हैं। कुछ महिलाएं डांस करती और झूमती हुई भी नजर आ रही हैं। उनके चेहरे पर खौफ या डर के भाव नजर नहीं आ रहे हैं। ये माहौल यह बताने के लिए काफी है कि घाटी के लोग आतंकवाद और अलगाववाद से आजीज आ चुके हैं। लोगों ने तय कर लिया है कि अलगावादियों और आतंक को कड़ा जवाब देना है।
जानकारों की मानें तो इस तरह से खुलेआम आकर चुनाव प्रचार करना अपने-आप में बहुत बड़ी बात है। इस तरह का माहौल घाटी में खासकर उन इलाकों में, जहां आतंकवाद और अलगाववाद की जड़ें गहरी हैं। विश्लेषक इसको एक बदलाव मान रहे हैं। ऐसा नहीं है कि लोग कम संख्या में बाहर निकले होंगे। बड़ी संख्या में लोग घरों से बाहर निकलकर आए। अगर माहौल को इसी तरह से बनाकर रखा जाए, तो आतंकियों और अलगाववादियों के हौसले जरूर पस्त होंगे।