बड़कोट(उत्तरकाशी) : पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश लोगों के लिए आफत बनकर बरस रही है। बारिश के कारण उफान पर आए बरसाती नालों और भूधंसाव ने लोगों को बेघर होने की कगार पर पंहुचा दिया है। उत्तरकाशी जिले में गंगा घाटी और यमुना घाटी में बारिश से भारी नुकसान हुआ है। जहां यमुनोत्री यात्रा मार्ग कई जगहों पर क्षतिग्रसत है। वहीं, नौगांव ब्लाक के ग्राम कांडा में भूधंसाव से लोगों पर खतरा मंडरा रहा है। गांव के तीन मकानों में बड़ी दरारें पड़ गई। कुछ घरों पर मलबा आ गया। जिससे लोग खासे परेशान हैं।
कांडा गांव में भूधंसाव के कारण लोग बेघर होने की स्थिति में हैं। तीन घरों में दरारें पड़ गई। तीनों घरों को युवा ग्राम प्रधान पवन पवांर ने ग्रामीणों के साथ मिलकर खाली करा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पंहुचाया। उन्होंने गांव के मकानों में भूधंसाव से हुए नुकसान की जानकारी शासन-प्रशासन को भी दी, लेकिन अब तक किसी भी अधिकारी ने उनकी सुध नहीं ली है। इससे सरकार और प्रशासन की मुस्तैदी के दावोें की पोल खुल गई। और तो और कुछ अधिकारियों को कई बार फोन करने के बाद भी फोन नहीं उठा। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जो अधिकारी जन प्रतिनिधियों को फोन नहीं उठा रहे हैं। वे आम लोगों की समस्याओं का निस्तारण किस तरह करेंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह भले ही अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दे रहे हैं, लेकिन अधिकारियों पर उसका कोई असर पड़ता नजर नहीं आ रहा है। ग्राम प्रधान पवन पवांर ने बताया भूधंसाव से काफी दिक्कतें हो रही हैं। उन्हाेंने बताया कि जिम्मेदार अधिकारी फाने उठाने को भी राजी नहीं हैं। ऐसे में लोगों को किस तरह मदद पंहुचाई जाएगी। प्रशासन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।