रूद्रप्रयाग: आपदा के छह सालों के बाद भी विजयनगर पुल का निर्माण नहीं हो पाया है। पुल न होने के कारण करीब पांच हजार लोगों को ट्राली से आवागमन करना पड़ रहा है जिसके चलते कई बार बड़े हादसे भी हो चुके हैं। यहां भाजपा और कांग्रेस सरकारों के मुख्यमंत्री कई बार पुल निर्माण को लेकर घोषणाएं कर चुके हैं लेकिन अभी भी पुल का निर्माण बहुत धीमी गति से चल रहा है।
बता दें कि वर्ष 2013 की आपदा में विजयनगर का झूला पुल टूट गया था। जिससे क्षेत्र के दर्जनों गांवों का संर्पक मुख्य बाजार से टूट गया था। पुल के निर्माण को लेकर कई बार बड़े आंदोलन भी हुए मगर पुल का निर्माण नहीं हुआ तत्कालीन कांग्रेस सरकार में पुल की स्वीकृति तो मिली मगर निर्माण कार्य अधर में लटका ही रहा जिसको लेकर फिर से जनता सडकों पर उतरी और निर्माणकार्य शुरु हुआ। लेकिन अभी तक भी पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया। जिससे जनता में भारी आक्रोश बना हुआ है।
प्रदेश की सरकारों का ध्यान महज केदारनाथ धाम पर ही टिका हुआ है जबकि आपदा से तबाह हुए जिले के अन्य क्षेत्रों के प्रति सरकारें बिल्कुल भी गम्भीर नहीं दिख रही हैं। यही कारण है कि आपदा के छह सालों के बाद भी केदारघाटी में अभी भी जनजीवन सामान्य नहीं हो पाया है और निर्माण कार्य कछुआ गति से चल रहे हैं जिससे क्षेत्र का विकाश ठहर सा गया है।