देहरादून: आपातकालीन स्थिति में हेली सेवा देने में आनाकानी करना हेरिटेज कंपनी को भारी पड़ गया। यहाँ तक कि, कंपनी को प्रदेश में ब्लैक लिस्टेड तक किया जा सकता है। दरअसल, बीते रविवार को धूमाकोट में हुए बस हादसे के बाद तत्कालीन डीआईजी पुष्पक ज्योति और एसडीआरएफ की टीमों को सहस्त्रधारा हेलीपैड से घटनास्थल के लिए रवाना होना था। इसके लिए एविएशन कंपनी हेरिटेज से तीन हेलीकॉप्टर की मांग की गई। लेकिन कंपनी द्वारा पहले पायलट की उपलब्धता ना होने बात कहकर और भुगतान को लेकर हेलीकॉप्टर भेजने में आनाकानी के गई।
हालाँकि बाद में सीधे कंपनी के निवेशकों से दिल्ली में बात करने के पश्चात् हेलीकॉप्टर रवाना हो सके। जिसका कोई लाभ नहीं हो पाया। बल्कि, इस विवाद के चलते टीमों को मौके से रवाना होने में करीब एक घंटे से ज्यादा का वक्त लग गया। पहले ही देरी के बाद फिर मौसम भी बाधा बना। जिसका नतीजा यह हुआ कि शाम को पांच बजे के करीब टीम मौके पर पहुंच पाई।
इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए कंपनी के विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए। तत्पश्चात कंपनी को नोटिस देकर इस प्रकार के रवैया पर जवाब माँगा गया है। साथ ही मन जा रहा है कि, कंपनी संतोषजनक जवाब ना दे पाती है तो कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करते हुए ब्लैक लिस्टेड तक किया जा सकता है। फिलहाल ताजा कार्यवाही से कंपनी प्रदेश में किसी प्रकार की उड़ान संबंधी गतिविधियां नहीं कर पाएगी।
बता दें कि, यह पहला मामला नहीं है जब हेरिटेज कंपनी विवादों में रही हो, इससे पहले भी गुप्ता बन्धुओं से जुड़ने के आरोप सहित केदारनाथ हेली टेंडर के समय भी कंपनी विवादों में रही थी।