चम्पावत: 12 साल से लापता बेटे की राह देखते पथराई मां की आंखों में उस वक्त आशा की किरण जाग गई, जब डाकिया उनके बेटे का आधार कार्ड लेकर उनकी देहलीज पर पहुंचा। आधार कार्ड पर दर्ज फोन नंबर को मिलाया गया मगर वह बंद मिला। बेटे के जिंदा होने की आस छोड़ चुके परिजन अब उसे लेने के लिए राजस्थान रवाना हो गए हैं।
दरअसल चम्पावत के रीठा साहिब के गांव गागरी निवासी प्रेम सिंह बोहरा 2005 में 12वीं में पढ़ता था। 12वीं में फेल होने के बाद वह हल्द्वानी जाने के बहाने घर से निकला और आज तक घर नहीं लौटा। अर्से तक तलाश के बाद प्रेमसिंह का पता नहीं चला तो परिजन भी उम्मीद छोड़ चुके थे। इधर, साल 2014 में बड़े बेटे के लापता होने के गम में पिता उमेद सिंह का भी निधन हो गया। तब से 59 वर्षीय मां लक्ष्मी देवी, छोटे भाई पुष्कर और बहन कमला के लिए प्रेम केवल याद बनकर रह गया था।
पिछले महीने मां लक्ष्मी के पास गांव में प्रेम के नाम से एक आधार कार्ड पहुंचा। प्रेम का यह आधार कार्ड राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में बनवाया गया था, मगर उसमें पता प्रेम के मूल गांव का था। परिजनों की जानकारी के बाद पुलिस ने आधार में दर्ज मोबाइल नंबर पर फोन किया तो वह स्विच ऑफ मिला। पुलिस ने मोबाइल की आईडी निवलवाई, जो भरतलाल नाम के व्यक्ति की निकली। बावजूद इसके पुलिस सर्विलांस के जरिए प्रेम को तलाशने में जुटी हुई है। इधर रविवार को चाचा प्रताप सिंह बोहरा और छोटा भाई पुष्कर बोहरा पुलिस टीम के साथ प्रेम को खोजने सवाई मधोपुर के लिए रवाना हो गए।