हरिद्वार (अरूण कश्यप): हरिद्वार में पिछले कुछ दिनों से आबकारी विभाग और पुलिस आमने सामने है। आबकारी अधिकारी ने हरिद्वार में एक कच्ची शराब की अवैध फैक्ट्री पकड़ी थी, जिसमें एक अभियुक्त को जेल भी हुई थी। अभियुक्त ने जेल से रिहा होने के बाद आबकारी अधिकारी पर आरोप लगाया कि उन्होंने उस पर पुलिस के खिलाफ बयान देने का दबाव बनाया था। उसने जेल जाने से पहले कहा था कि वो शराब बेचने के छूट के एबज में पुलिस को पैसे देता है। आरोपी के जेल से छूटने के बाद उसने अचानक ही आबकारी अधिकारी प्रशांत कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। इसके बाद से ही विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है।
विवाद में एक नया मोड़ आया है। आबकारी आयुक्त के डीएम डीएम दीपक रावत को पत्र लिखने के बाद जिला आबकारी अधिकारी प्रशांत कुमार ने पुलिस को चुनौती दी है। उनका कहना है कि मामले की जांच किसी दूसरी निष्पक्ष एजेंसी से करा लो, सब साफ हो जाएगा कि कौन गलत है। उन्होंने कहा कि आरोपी पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाया गया। उसने जो भी बयान दिए वो अपनी मर्जी से दिए हैं।
उनका कहना है कि पुलिस ने उनपर गलत मुकदमा दर्ज किया है। आरोपी पर पुलिस अपनी साख बचाने के लिए दबाव बना रही है। उसी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। अब देखना यह होगा कि दो विभागों के बीच उठे इस विवाद का अंत किस तरह होता है। हालांकि अभी मामले में सरकार की ओर से कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है। जबकि दोनों विभागों के अधिकारियों को मामले की पूरी जानकारी है।