बागेश्वर: बागेश्वर जनपद के तहसील कपकोट के कुंवारी गांव में भूस्खलन होने से कई घरो में मालवा घुस गया, जिससे गांवों को खतरा पैदा हो गया है। जनपद मुख्यालय से 140 किलोमीटर की दुरी पर स्थित पिंडर घाटी के कुंवारी क्षेत्र में हुए भूस्खलन के बाद जिला प्रशासन ने नुकसान के आंकलन और ग्रामीणों की सुरक्षा के लिये प्रयास तेज कर दिये हैं। उपजिलाधिकारी कपकोट मौके का मुआयना करने के बाद जिला प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। जिलाधिकारी के मुताबिक जरूरी हुआ तो प्रभावित क्षेत्र का शीघ्र भूगर्भीय सर्वेक्षण भी कराया जायेगा।
बागेश्वर जिले का अधिकांश क्षेत्र आपदा के लिहाज से जोन-5 में आता है। दरसल, पिंडर घाटी के सीमावर्ती क्षेत्र में तीन बड़े ग्लेशियर हैं, जो अक्सर लोगों के लिये खतरा बने रहते हैं। पिंडरी ग्लेशियर, हीरामणी ग्लेशियर और नामिक ग्लेशियर लोगों के लिए अक्सर खतरा पैदा करते रहते हैं। बागेश्वर के दूरस्त कुंवारी गांव में देर रात हुये भूस्खलन से करीब एक दर्जन परिवारों पर संकट खड़ा हो गया। जबकि आधा दर्जन गांवों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। इन गांवों के ग्रामीण भूस्खलन की आहट के बाद बाहर निकल आये। जिला आपदा प्रबंधन के मुताबिक सूचना के बाद एसडीआरएफ की टीम को मौके के लिये रवाना किया गया।
भूस्खलन की सूचना के बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आया। जिलाधिकारी ने आपात बैठक बुलाकर पिडर घाटी में हुये नुकसान का जायजा लिया। उपजिलाधिकारी कपकोट को कुंवारी गांव सहित आसपास के गांवों में नुकसान के आंकलन और संभावनों के लिये रवाना कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि जोन-5 में होने के कारण नुकसान की संभावनायें बनी रहती हैं। टीम को क्षेत्र में रवाना कर दिया गया है। जरूरत पड़ी तो क्षेत्र को भूगर्भीय सर्वेक्षण भी कराया जायेगा।