उत्तराखंड पुलिस एंड महाराष्ट्र पुलिस का औरंगाबाद जनपद में संयुक्त ऑपरेशन, कॉल सेंटर की आड़ में लोन की वापसी के लिए देश भर के लोगों से जबरन कर रहे थे वसूली

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Dehradun: साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड द्वारा भारत के विभिन्न कोनो में लोन एप के माध्यम से धोखाधड़ी करने वाले बड़े संगठित गिरोह को ध्वस्त किया गया।
साइबर अपराधियों द्वारा जनता से ठगी करने के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान में एसटीएफ एवं साइबर पुलिस स्टेशन द्वारा एक मामले में लूनिया मोहल्ला निकट कालिका मन्दिर, देहरादून निवासी के साथ करीब 17 लाख रुपये की ऑनलाईन लोन एप के माध्यम से साईबर ठगी हुई, का संज्ञान लिया गया जिसमें प्रथम दृष्टया जांच में पाया कि भारत सरकार के NCRP पोर्टल पर भी फर्जी लोन एप के माध्यम से धोखाधड़ी का शिकार हुए पीड़ितों की विभिन्न शिकायतें प्राप्त हुई।

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इन शिकायतों की जाँच साईबर थाने की उ0नि0 रोशनी रावत द्वारा की गयी तथा जाँच के उपरान्त उ0नि0 द्वारा ही समस्त ऐसी शिकायतों को सम्मिलित कर साईबर थाने पर दिनांक 29-12-2022 को FIR no-29/2022 धारा 109,120बी,384, 385, 419, 420, 469, 500, 501, 504 भादवि व धारा 43ए, 66, 66(सी), 66(डी) आईटी एक्ट में अभियोग स्वंय पंजीकृत कराया। उक्त अभियोग की विवेचना के लिए विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें टीम द्वारा अनुमानित 75-80 फर्जी लोन एप को बन्द कराने हेतु कार्यवाही प्रचलन में लायी जा चुकी है। साथ ही फर्जी लोन के नाम पर SMS का प्रयोग कर लगभग 70 SMS HEADER को चिन्हित कर इनके विरुद्ध कार्यवाही करते हुए सम्पूर्ण भारत वर्ष में बन्द करवाने का प्रयास प्रारम्भ किया गया।

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अभियोग में 01 अभियुक्त अंकुर ढींगरा पुत्र अनिल ढींगरा निवासी एन-2/79 मोहन गार्डन, उत्तम नगर, नई दिल्ली, हाल डी- 205 मोहन गार्डन, नई दिल्ली को उसके गुडगाँव स्थित कार्यालय से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार अभियुक्त द्वारा बताया गया था की उसके द्वारा कुछ चीनी मूल के नागरिकों को 2019-20 में औरंगाबाद ले गया था। इसी क्रम में विवेचना में यह बात सामने आई की वोडाफोन कंपनी के 77 नंबर की एक विशेष सीरीज से लोगो को लोन apps के सन्दर्भ में पैसे वसूलने का काम भी किया जा रहा। गहनता से नंबरों को चेक करने पर साफ हुआ की एक साथ 32 सिम दिनांक 04/10/22 को एक ही कंपनी यश इंटरप्राइजेज द्वारा पोर्ट करके लिए एवं एक्टिवेट किये गए थे। मौके पे साइबर थाना देहरादून की टीम औरंगाबाद पुलिस (महाराष्ट्र पुलिस) के साथ संयुक्त अभियान चलाया और इस कॉल सेंटर पैठण गेट औरंगाबाद में रेड डाली। मौके पे एक कॉल सेंटर संचालित था जहाँ लगभग 150 लोग पब्लिक से फ़ोन पे जबरन वसूली कर रहे थे। इन कर्मचारियों द्वारा बताया गया की कंपनी का मालिक सय्यद जोहेब विभिन्न टीम लीडर्स के माध्यम से इनको काम देता था। इनको भारतपे और वोडाफोन के लाइसेंस प्राप्त हैं, परन्तु इसकी आड़ में भारत के विभिन्न लोगो को कॉल करके पैसे वसूलने का काम भी दिया गया था। मौके से सय्यद जोहेब पहले से फरार था और उसके विरुद्ध लुक आउट सर्कुलर जारी किया जायेगा।

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टीम द्वारा 10 टीम लीडर्स एवं कॉलर्स के विरुद्ध 41क सीआरपीसी का लीगल नोटिस तमील करवाया गया। मौके से 1500 सिम कार्ड्स जब्त एवं 02 सिम बॉक्स मशीन को जब्त किया गया। औरंगाबाद पुलिस द्वारा कॉल सेंटर के सभी 150 कर्मचारियों की डिटेल्स को एकत्रित करके नोटिस दी गयी।
इस पूरी करवाई से देश भर में फ़र्ज़ी ऑनलाइन लोन app के माध्यम से जबरन वसूली करने वाले गिरोह के हौसले पस्त हो जायेंगे।

पूर्व मे इस प्रकार के लोन एप प्ले स्टोर पर मौजूद रहते थे किन्तु गूगल द्वारा प्रतिबंध लगाये जाने के उपरान्त साइबर अपराधियो द्वारा आम जनता को अपनी बातो मे फसाकर वाट्सअप/एसएमएस एवं अन्य माध्यमो से लोन एप का लिंक भेजकर डाउनलोड कराया जा रहा है।

वांछित अभियुक्त में सैयद जोहेब पुत्र सैय्यद मुमताज अहमद निवासी बंगला नम्बर 1, राज हाईट्स टाउन सैन्टर सिडकु सेवन हिल एमजीएम हॉस्पिटल के सामने औरंगाबाद महाराष्ट्र शामिल है।
गठित पुलिस टीम में पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा, निरीक्षक विकास भारद्वाज, उप निरीक्षक राजीव सेमवाल, उप निरीक्षक कुलदीप टम्टा, असिस्टेंट उप निरीक्षक सुरेश कुमार व औरंगाबाद पुलिस शामिल थे। 
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्पेशल टॉस्क फोर्स उत्तराखण्ड द्वारा जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के ऑनलाईन फर्जी लोन/ लुभावने अवसरो/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने वाले अंनजान अवसरो के प्रलोभन में न आयें। किसी भी आँनलाईन ट्रेडिग साइट व लॉटरी एवं ईनाम जीतने के लालच में आकर धनराशि देने तथा अपनी व्यक्तिगत जानकारी व महत्वपूर्ण डाटा शेयर करने से बचना चाहिये।किसी भी प्रकार का ऑनलाईन ट्रेडिग लेने से पूर्व उक्त साइट की पूर्ण जानकारी व स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलींभांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें। कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें। कोई भी वित्तीय साइबर धोखाधड़ी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर हेल्पलाईन 1930 या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन पर सम्पर्क करें।

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