पिथौरागढ़, 3 दिसम्बर 20: जिले के भ्रमण पर पंहुचे आयुक्त कुमाऊं मण्डल अरविंद सिंह ह्यांकी ने गुरुवार को विकास भवन सभागार में जिले के सभी विभागीय अधिकारियों के साथ विकास कार्यों की समीक्षा बैठक कर जिला, राज्य, केन्द्र पोषित, बीएडीपी योजनाओं में जिले को प्राप्त धनराशि के सापेक्ष वर्तमान तक की प्रगति की विभागवार समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को शत प्रतिशत धनराशि व्यय करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि 1 अप्रैल 2021 को किसी भी विभाग में धनराशि अवशेष नहीं रहनी चाहिए। इस हेतु विभाग जिन योजनाओं में धनराशि प्राप्त हुई हैं, उनमें तेजी से कार्य कर समय से धनराशि व्यय करें। धनराशि अवशेष रहने पर संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय मानते हुए कार्यवाही की जाएगी।
विभागवार समीक्षा करते हुए आयुक्त ने कहा कि किसानों समेत आम नागरिकों की आजीविका बढ़ाए जाने हेतु कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन व मत्स्य पालन पर विशेष ध्यान देते हुए इस क्षेत्र में कार्य करना होगा। इस हेतु ये विभाग आगामी तीन मांह में एक विशेष कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करें। इस क्षेत्र में विकास हेतु किसी भी प्रकार की धनराशि की कमी नहीं होने दी जाएगी। आयुक्त ने कहा कि पहाड़ में इन चारों क्षेत्रों में आजीविका संवर्धन की अपार संभावनाएं है, उस हेतु अधिकारी संवेदनशील होकर आपसी सामंजस्य स्थापित कर कार्य करें।
समीक्षा के दौरान कृषि, उद्यान व पशुपालन विभाग में जिला योजनांतर्गत विभिन्न सामग्री, बीज, दवा, उपकरणों आदि की आपूर्ति जिला स्तर पर न करते हुए संबंधित विभाग द्वारा राज्य स्तर पर (केन्द्रीयकृत) क्रय कर जिले में आपूर्ति करने के मामले पर आपत्ति करते हुए कहा कि राज्य स्तर पर सामग्री क्रय करने पर संबंधित सामग्री समय पर जिले में प्राप्त न होने पर उसका लाभ लाभार्थियों को समय पर नहीं मिल पाता है, इस हेतु इस प्रणाली को समाप्त करने हेतु संबंधित विभाग अपने विभाग को पत्र प्रेषित करने के साथ ही वह भी उक्त प्रकरण को शासन के संज्ञान में लाएंगे। ताकि योजनाओं का क्रियान्वयन समय पर किया जा सके।
सड़क निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान आयुक्त ने सभी खण्डों से आए अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़क निर्माण में जिन कास्तकारों की भूमि अधिग्रहण की गई है, उन्हें तत्काल गांव में ही कैम्प लगाकर मुआवजा राशि का भुगतान करें। उन्होंने खाद्य विभाग को उच्च हिमालयी क्षेत्र के गावों जहॉ शीतकाल में माइग्रेशन नहीं होता है, उन गांवों में यथासमय खाद्यान्न का पर्याप्त स्टॉक रखने के निर्देश दिए। बैठक में जिले में मुख्यमंत्री घोषणाओं की समीक्षा के दौरान आयुक्त ने कहा कि जिले में एक भी घोषणा लंबित नहीं रहनी चाहिए, इस हेतु एक सप्ताह में जिला स्तर से प्रस्ताव, भूमि चयन आदि का कार्य करते हुए प्रस्ताव शासन को प्रेषित करें।
बैठक के दौरान विभिन्न विभागों के अंतर्गत संचालित रोजगार परख योजनाओं की समीक्षा करते हुए आयुक्त कुमाऊं ने उद्योग, पर्यटन, नगर निकाय आदि विभागों को निर्देश दिए कि स्वरोजगार की जो भी योजना उनके विभाग में संचालित है, उसका लाभ लाभार्थी तक पंहुचाने हेतु दूरस्थ क्षेत्रों तक जाकर योजना के बारे में जनता को जानकारी देने के साथ ही जितने भी आवेदन समिति द्वारा स्वीकृत किए जा रहे हैं, संबंधित बैंक से समन्वय कर लाभार्थियों को ऋण उपलब्ध कराते हुए धरातल पर कार्य को क्रियान्वित करें। साथ ही जो भी प्रवासी वापस आए हैं, उन्हें स्थानीय स्तर पर ही रोके जाने हेतु उन्हें स्वरोजगार से जोड़े जाने हेतु विभाग विशेष पहल करते हुए योजना का लाभ उन्हें उपलब्ध कराएं।
उन्होंने कहा कि जिले में ओद्यानिकी एवं पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं है, इस हेतु विभाग जगह जगह जाकर कैम्पों के माध्यम से लोगों को इस क्षेत्र में प्रेरित करते हुए उन्हें योजनाओं से जोड़ें। उन्होंने जिला पर्यटन अधिकारी को होम स्टे को बढ़ाए जाने हेतु अधिकाधिक पंजीकरण कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने उरेडा विभाग को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 10 आवेदन जिन्हें विद्युत विभाग द्वारा पोर्टल में ऑन लाइन किया जाना है, उन्हें शीघ्र ऑनलाइन कराते हुए संबंधित को योजना का लाभ प्रदान करते हुए कार्य प्रारंभ कराएं।
बैठक में आयुक्त कुमाऊं ने राजस्व विभाग में अंतर्गत विभिन्न कार्मिकों के लंबित पेंशन, पदोन्नति, विभिन्न देय आदि प्रकरणों की समीक्षा करते हुए राजस्व विभाग समेत सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी कार्मिक का अहित न हो तथा उसे सेवा के दौरान समय पर पदोन्नति समेत सेवानिवृत्त होने पर तत्काल सभी भुगतान प्राप्त होने के साथ ही समय पर पेंशन का लाभ मिले, इस हेतु संबंधित अधिकारी पूर्ण जिम्मेदारी से कार्य करें। बैठक में सी एम हेल्प लाइन के अंतर्गत प्राप्त शिकायतों की समीक्षा के दौरान आयुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो शिकायत पोर्टल ईए माध्यम से प्राप्त होती है, प्रयास यह रहे कि एल वन स्तर पर ही उसका समाधान हो जाय। समीक्षा के दौरान आयुक्त ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि अधिकारी कर्मचारी अपने कार्य स्थल पर रहें, ताकि ग्रामीणों को अपने कार्यों हेतु तहसील, विकास खण्ड अथवा जिला मुख्यालय तक न आना पड़े।
बैठक में जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदण्डे ने कुमाऊं आयुक्त को विभिन्न विभागों में संचालित योजनाओं समेत जिला, राज्य, केन्द्र पोषित योजनाओं की प्रगति की जानकारी दी गई। उन्होंने अवगत कराया कि जिला योजनांतर्गत 47 करोड़ 77 लाख के सापेक्ष शासन से 39 करोड़ 48 लाख 30 हजार की धनर अवमुक्त हो गई है जिसमें से विभागों को 34 करोड़ 21 लाख 17 हजार की धनराशि आवंटित कर दी गई है, जिसमें से विभागों द्वारा वर्तमान तक 18 करोड़ 22 लाख 58 हजार रूपये की धनराशि व्यय कर ली गई है। इसी प्रकार राज्य योजनांतर्गत शासन से अवमुक्त 186 करोड़ 52 लाख के सापेक्ष विभागों द्वारा 143 करोड़ 9 लाख 8 हजार की धनराशि व्यय कर ली गई है। केन्द्र पोषित योजनांतर्गत 165 करोड़ 7 लाख 1 हजार अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष 150 करोड़ 36 लाख 18 हजार की धनराशि व्यय कर ली गई है। इस प्रकार तीनों योजनाओं में जिले में कुल 92.28 फीसदी धनराशि विभागों द्वारा व्यय कर ली गई है। जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि जिले में सभी विभागों को शत प्रतिशत धनराशि व्यय किए जाने हेतु भी लगातार समीक्षा करते हुए निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
बैठक में जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदण्डे, मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गहरवार, प्रभागीय वनाधिकारी विनय कुमार भार्गव, अपर जिलाधिकारी आर डी पालीवाल, उप निदेशक अर्थ एवं संख्या कुमाऊं राजेन्द्र तिवारी, उप जिलाधिकारी के एन गोस्वामी, परियोजना निदेशक डीआरडीए आशीष पुनेठा, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ हरीश पंत, मुख्य शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार जुकरिया, अर्थ एवं संख्याधिकारी नफीस जमील समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।