देहरादून: पुलिस से जानकारी प्राप्त हुई कि दिनांक 17.10.2020 को वादिनी विमलेश पत्नी गंगाराम निवासी गांव गोटना थाना गिलौर जिला बदायूं उ0 प्र0 हाल -निवासी झाझरा, प्रेमनगर, देहरादून ने थाना प्रेमनगर पर एक लिखित तहरीर दी कि उनके पति मृतक गंगाराम पुत्र रोहन सिंह निवासी गांव गोटना, गिलौर जिला बदायूं, उत्तर प्रदेश, हाल निवासी झाझरा, थाना प्रेमनगर, देहरादून, उम्र 45 वर्ष घर से रात्रि में 8ः30 बजे खाना खाने के पश्चात अपनी साइकिल पंचर की दुकान पर सोने गए थे जो मेन रोड पर कृष्णा नर्सरी के सामने है जो झुग्गी डालकर बनाई गई है।
सुबह जब गंगाराम घर नहीं आए तो वादिनी करीब 7:45 बजे दुकान पर गई। उन्होंने दुकान के अंदर देखा कि सोफे पर उनका पति गंगाराम बेहोश पड़ा था। मौके पर 108 एंबुलेंस के द्वारा गंगाराम को मृत घोषित कर दिया गया, जिसके सिर में चोट व खून निकला हुआ था। वादिनी से प्राप्त तहरीर के आधार पर थाना प्रेमनगर पर मुकदमा अपराध संख्या 167/2020 धारा 302 भादवी बनाम अज्ञात पंजीकृत कर विवेचना प्रारंभ की गई।
उक्त जघन्य घटना के कारण पूरे क्षेत्र में दहशत माहौल हो गया था। मौके पर पुलिस उप महानिरीक्षक देहरादून द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण किया गया एवं घटना के सफल अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। पुलिस अधीक्षक नगर के निर्देशानुसार क्षेत्राधिकारी मसूरी के निकट पर्यवेक्षण में थाना प्रेमनगर पुलिस व एसओजी की एक टीम गटित की गई। गठित पुलिस टीम द्वारा ठोस पतारसी/सुराग रस्सी मुखबिर तंत्र मजबूत करते हुए एवं सीसीटीवी सर्विलांस की मदद से हत्या की घटना को अंजाम देने वाले शातिर अभियुक्त शानू उर्फ ऋषभ पुत्र देवी सिंह उर्फ निशू निवासी ग्राम केहरीगांव, प्रेमनगर देहरादून उम्र 24 वर्ष को थाना प्रेम नगर क्षेत्र अंतर्गत स्थित आडवाणी इन्स्टीट्यूट के पीछे से मृतक गंगाराम के मोबाइल फोन सहित गिरफ्तार किया गया है। अभियुक्त की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त लोहे के रोड को भी बरामद किया गया। अभियुक्त इतना शातिर था, कि घटना के बाद अपनी गिरफ्तारी को बचाते हुए हर साक्ष्य सबूत मिटाता चला गया।
पूछताछ का विवरण पूछताछ के दौरान अभियुक्त द्वारा बताया गया कि “मैं ट्यूबवेल (बोरिंग) लगाने का काम करता हूं। ग्राम झाझरा क्षेत्र में बोरिंग लगाने का काम चल रहा था। उसी के पास गंगाराम नाम के व्यक्ति का खोखा था जो साइकिल रिपेयरिंग तथा अंडे बेचने का काम करता था। इसके अलावा छुप-छुपा कर सट्टे का काम भी करता था। गंगाराम के पास मैंने दिनाक 16-10-20 को 200 का सट्टा पर्ची लगाकर अपना नंबर लिखवाया था। उसी रात मेरा नंबर खुल गया तो मे गंगाराम के पास रुपये मांगने उसकी झोपड़ी मे गया था। जिसे देने में गंगाराम ने आनाकानी कर दी। इसी बात को लेकर मेरा उससे झगड़ा हो गया तथा गंगाराम ने मुझे दो थप्पड़ लगाकर अपनी दुकान से भगा दिया। इसके बाद अभियुक्त दुकान से अपनी बोरिंग मशीन के पास आकर लेट गया तथा गंगाराम से रुपए और बदला लेने की योजना बनाते हुए करीब डेड दो घंटे बाद पुनः मशीन से लोहे की रॉड (सरिया) लेकर गंगाराम की दुकान में पहुंचा, जहां पर मेरे द्वारा गंगाराम के सिर पर पीछे से लोहे की रॉड से वार किए। जिससे गंगाराम की मृत्यु हो गई ओर मे गंगाराम की जेब से 1800 रुपये व उसका मोबाईल फोन निकाल कर मोके से भाग गया था।”
गठित पुलिस टीम में नरेंद्र पंत क्षेत्राधिकारी मसूरी देहरादून, निरीक्षक ऐश्वर्या पाल प्रभारी एसओजी देहरादून, एसआई धर्मेंद्र रौतेला थानाध्यक्ष प्रेमनगर, एसएसआई मोहन सिंह एसओजी, एसआई संजय मिश्रा साइबर क्राइम सेल, एस आई डी पी काला प्रभारी चैकी झाझरा, एसआई शिवराम थाना प्रेमनगर, एसआई संदीप कुमार थाना प्रेम नगर, कॉन्स्टेबल आशीष एसओजी, कॉन्स्टेबल 147 किरण कुमार सीआईयू, कॉन्स्टेबल 460 प्रदीप कुमार, कॉन्स्टेबल 1736 सुनील प्रसाद, कॉन्स्टेबल 1515 राजकुमार, कॉन्स्टेबल 609 नरेंद्र रावत, कॉन्स्टेबल दीप प्रकाश, थाना नेहरू कॉलोनी, कॉन्स्टेल रवि टम्टा डोईवाला, कॉन्स्टेबल ललित कुमार एसओजी, कॉन्स्टेबल अमित कुमार एसओजी व प्रमोद एसओजी शामिल थे।
उक्त घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को पुलिस महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा रू0 2500 से पुरूस्कृत किया गया।