देहरादून: उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर लगे आरोपों को लेकर हाईकोर्ट की ओर से दिए गए सीबीआई जांच के आदेश के बाद से प्रदेश में सियासत गरमा गई है। गुरुवार को कांग्रेस ने सीएम के इस्तीफे की मांग को लेकर राजभवन कूच किया। इस दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत समेत कई कांग्रेसियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
कांग्रेस ने तय किया था कि विधानमंडल दल के साथ राज्यपाल से मिला जाएगा और मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की जाएगी। इसके लिए राजभवन से समय भी मांगा गया। लेकिन राजभवन से देर शाम तक समय न मिलने के कारण कांग्रेस ने राजभवन कूच का ऐलान कर दिया। इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव, नेता प्रतिपक्ष डा. इन्दिरा हृदयेश, सहप्रभारी राजेश धर्माणी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता राजभवन कूच के लिए निकले।
वहीँ पुलिस का कहना है कि आज प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखंड कांग्रेस प्रीतम सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं द्वारा राजभवन कूच के दौरान पुलिस द्वारा उनको हाथीबड़कला बैरियर पर रोका गया। रैली द्वारा शांति व्यवस्था बंद होने का अंदेशा होने पर रैली में मौजूद लोगों को मौके पर गिरफ्तार किया गया और माननीय के समक्ष पेश किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा गिरफ्तार व्यक्तियों को व्यक्तिगत मुचलके पर रिहा किया गया। रैली प्रशासन से बिना अनुमति की थी तथा कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन ना होना पाया गया जिस कारण कोतवाली डालनवाला पर मुकदमा अपराध संख्या185/ 20 अंतर्गत धारा 188 269 270 भा दं वि व धारा तीन महामारी अधिनियम व धारा 51 आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत किया गया।
मंगलवार को हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद से ही कांग्रेस सक्रिय हो गई थी। इसके बाद बुधवार से ही कांग्रेस आक्रमक हो गई।
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