जौनपुर जौनसार छेत्र में एक माह तक मनाये जाने वाले फूलदेई के त्योहार का शुभारंभ बड़े हर्षोल्लास व धूमधाम के साथ हो गया है। गांव के छोटे छोटे बच्चों ने फ्योंली के फूल चढाकर इस त्योहार का श्रीगणेश किया है।
बता दें कि जौनपुर जौनसार क्षेत्र आज भी अपनी पौराणिक संस्कृति को बखूबी संजोए हुए हैं। इस क्षेत्र में 12 महीने के 12 त्यौहार मनाने की प्रथा आज भी कायम है। लेकिन इन त्योहारों में फुलयांत का अपना अलग महत्व है। चैत्र मास की संक्रांत के दिन पूरे गांव के बच्चों द्वारा अपने कुलदेवता के प्रांगण व घरों की देहली पर फूलों को पूजा जाता है। एक माह तक मनाए जाने वाले इस त्योहार में गांव के छोटे-छोटे बच्चे सुबह उठकर विभिन्न प्रकार के ताजे फूल तोड़ कर लाते हैं। सबसे पहले उस फूल को देव आंगन में पूजते हैं और उसके बाद घर की हर दहलीज पर फूलों को चढ़ाया जाता है। इस प्रकार का फूलों का चढ़ाने का यह सिलसिला 1 माह तक लगातार जारी रहता है।
ग्रामीणों के मुताविक यह त्यौहार सुख समृद्धि और पशुधन को बढ़ावा देने वाला त्यौहार है। बैसाखी के दिन इस ठेस्सिया को उजाड़ कर पापड़ी से पूजन किया जाता है। क्योंकि बसंत ऋतु के आगमन से ग्रामीण लोग अपनी खेती बाड़ी और पशुधन के पालन पोषण में व्यस्त हो जाते हैं और इनकी सुख शांति के लिए फूलदेई का त्योहार अहम माना जाता।