बगदाद: ईरान ने इराक में अमेरिका के दो सैनिक ठिकानों पर एक दर्जन से ज्यादा मिसाइलें दागी हैं। पिछले हफ्ते बगदाद हवाईअड्डे पर अमेरिका ने ड्रोन स्ट्राइक में ईरानी कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया था, जिसके बाद ईरान ने अमेरिका से बदला लेने की धमकी दी थी। धमकी पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने बयान जारी कर हिदायत दी थी कि, ईरान के 52 सांस्कृतिक धरोहरें उसके निशाने पर हैं।
जानकारी के मुताबिक, ईरान ने इरबिल और अल असद इलाके में मौजूद उस एयरबेस को निशाना बनाया जहां अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी बल ठहरे हुए हैं। ईरानी मीडिया के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआइ ने कहा है कि, ईरान के ताजा मिसाइल हमलों में 80 लोगों की मौत हुई है। दूसरी ओर इराकी सेना ने कहा है कि हमले में कोई भी हताहत नहीं हुआ है।
#WATCH: Iran launched over a dozen ballistic missiles at 5:30 p.m. (EST) on January 7 and targeted at least two Iraqi military bases hosting US military and coalition personnel at Al-Assad and Irbil, in Iraq. pic.twitter.com/xQkf9lG6AP
— ANI (@ANI) January 8, 2020
इस बीच ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने कहा है कि अमेरिका, इजराइल और पश्चिम का घमंडी सिस्टम ईरान का दुश्मन है। ईरान की यह सैन्य कार्रवाई अमेरिका के मुंह पर करारा तमाचा है। वहीँ इराक में लड़ रहे ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड ने अमेरिकी बलों को क्षेत्र से वापस जाने के लिए कहा है।
वहीँ अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी बलों के ठिकाने पर हुए ताजा हमले पर दुख जताया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि सब ठीक है… ईरान ने इराक में दो सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए हैं। हमले में हताहतों की संख्या का आकलन किया जा रहा है। हमारे पास दुनिया की सबसे ताकतवर सेना है। मैं कल सुबह बयान दूंगा।
All is well! Missiles launched from Iran at two military bases located in Iraq. Assessment of casualties & damages taking place now. So far, so good! We have the most powerful and well equipped military anywhere in the world, by far! I will be making a statement tomorrow morning.
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 8, 2020
ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने अमेरिकी बलों पर किए गए ताजा हमले को आत्मरक्षा में उठाया गया कदम बताते हुए कहा है कि इससे कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला पूरा हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि हम तनाव बढ़ाना या युद्ध नहीं चाहते हैं लेकिन किसी भी हमले से अपनी रक्षा जरूर करेंगे। हम आत्मरक्षा के अंतरराष्ट्रीय कानूनों पर अमल करेंगे।