देहरादून: उत्तराखण्ड वेब मीडिया एशोसिएशन के अध्यक्ष व पत्रकार शिव प्रसाद सेमवाल मामले में एशोसिएशन के पदाधिकारियों ने प्रैस क्लब ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है। साथ ही मामले को सरकारी उत्पीड़न बताकर भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से न्याय के लिए समय मांगा है।
वहीँ पूर्व सीएम व कांग्रेस नेता हरीश रावत ने पत्रकार पर लगी धाराओं पर सवाल उठाने के साथ ही बदले की भावना से की गई कार्यवाही बताया है। उन्होंने कहा कि, पर्वतजन के सम्पादक को जिन धाराओं के तहत निषिद्ध किया गया है, हैरस किया गया है, उससे बदले की बू आती है। सत्ता और शासन यदि निर्भीक पत्रकारिता के खिलाफ इस प्रकार की कठोर कार्यवाही करेगा, तो इससे सत्ता के खिलाफ या राजनैतिक शक्तिशाली लोगों के खिलाफ, लोग आवाज उठाना बन्द कर देंगे, कमजोर इससे और कमजोर हो जायेगा। यदि कुछ गलती सम्पादक ने की हैं, तो गलती के अनुरूप उसके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिये, न कि उस पर गम्भीर अपराधिक मुकदमे लाद दिये जायें। इसके आलावा उन्होंने नीरज राजपूत के दर्जा प्राप्त मंत्री होने की बात को भी नकार दिया।
मामले में उत्तराखंड वेब मीडिया एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने एसएसपी देहरादून से मुलाक़ात कर उन्हें एक पत्र सौंपा, जिसमें पत्रकार की गिरफ्तारी अनैतिक तरीके से व नियम-कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किए जाने की शिकायत की।
बता दें कि, सहसपुर थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर, चोरखाला निवासी नीरज राजपूत ने अमित पाल (टाईबो) और न्यूज पोर्टल के संपादक के खिलाफ अक्तूबर माह में राजनीतिक और सामाजिक छवि को धूमिल करने के आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद पुलिस ने पत्रकार को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया। वहीं पत्रकार को उनके घर से सुबह करीब 10 बजे गिरफ्तार किया गया, लेकिन मामले में गिरफ्तारी सांय 5:02 बजे दिखाने को लेकर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।