बागेश्वर: कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्र में बीएसएनएल के 50 से ज़्यादा टावर बंद हो गए हैं। बीएसएनएल द्वारा विधुत विभाग के बिजली बिलों के करोड़ों रूपयों का भुगतान न किए जाने पर विधुत विभाग ने बीएसएनएल टॉवरों की सप्लाई काट दी है। टॉवर बंद होने से दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों का संपर्क बाहर से बंद हो गया है। बागेश्वर जिले के पिंडर घाटी समेत दर्जनों ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से इसकी वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है।
बीएसएनएल पर विद्युत विभाग की करोड़ों रूपया बकाया होने पर विद्युत विभाग ने कुमाउं में बागेश्वर जिले समेत अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत में बीएसएनएल के 50 टावरों की विधुत सप्लाई बंद कर दी है। जिले में बिल जमा नहीं करने पर विभाग ने बीएसएनएल के हर्षिला, लीती, धूर, रवांईखाल के टॉवरों की विधुत सप्लाई काट दी है। टॉवर बंद होने से हजारों लोग परेशान हैं। दुर्गम क्षेत्रों में जनता का आसरा सिर्फ मोबाइल है, जो कि टॉवर बंद होने से ठप्प हो गए।
यह सेवा शहर से लेकर गांव तक लोगों को संचार सुविधा से जोड़े हुए है। और करीब एक लाख से अधिक मोबाइल उपभोक्ता सिर्फ बीएसएनएल की सेवा ले रहे हैं, लेकिन इस बीच टावरों की बिजली कटने और अन्य तकनीकी खराबी के कारण हर रोज लोग परेशान हो रहे हैं। ग्रामीणों के मोबाइल फोन शोपीस बन गए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग के छह-छह महीने तथा तीन-तीन महीने के पैकेज ले रखे हैं। बिजली का बिल विभाग की लापरवाही से जमा नहीं हो रहा है। उन्होंने विभाग से समय पर टावर चालू करने की मांग की है।
गौरतलब है कि पहाड़ों में अधिकांश स्थानों पर बीएसएनएल की ही कनेक्टिविटी है। कई सरकारी ऑफिसों में काम-काज भी प्रभावित हो गया है। ज्यादातर जगहों पर फोन सिर्फ शो-पीस बनकर रह गए हैं।