नई दिल्ली: देशभर में होने वाले अपराध पर नज़र रखने वाले राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) ने 2017 के आंकड़े जारी किए हैं। एनसीआरबी (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक देश मे 2016 की तुलना में 2017 में हत्या के मामलों में कमी आई है जबकि देशभर में 2017 में अपहरण की वारदातों में इजाफा हुआ है। साल 2016 में देशभर में हत्या के 30,450 केस दर्ज हुए थे जबकि 2017 में इनमें 5.9 फीसदी की कमी के साथ 28,653 हत्या के मामले सामने आए। देशभर में 2016 में अपहरण के 88008 केस दर्ज हुए थे जबकि ये आंकड़ा 2017 में 9 फीसदी बढ़कर 95,893 तक पहुंच गया था।
उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध के मामले सबसे ज्यादा दर्ज हुए हैं और उतनी ही तेजी से बढ़े भी हैं। वहीं, लक्षद्वीप, दमन व दीव, दादरा व नगर हवेली जैसे केंद्र शासित प्रदेश और नागालैंड में महिलाओं के प्रति अपराध के सबसे कम मामले दर्ज किए गए हैं।
साइबर क्राइम में भी सबसे ज्यादा अपराध उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए हैं। यूपी में 2017 में साइबर क्राइम के 4971 मामले दर्ज किए गए जो कि साल 2016 की तुलना में लगभग दोगुना है। 2016 में साइबर क्राइम के 2639 मामले दर्ज हुए थे जबकि 3604 केस दर्ज कर महाराष्ट्र साइबर क्राइम के मामले में दूसरे नंबर पर है। कर्नाटका तीसरे नंबर पर है।
एनसीआरबी के आंकड़ो के मुताबिक 2017 में भ्रष्टाचार के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में दर्ज हुए, जहां 2017 में कुल 4062 केस दर्ज हुए जबकि सिक्किम इकलौता ऐसा राज्य है जहां पूरे साल एक भी भ्रष्टाचार का केस दर्ज नहीं हुआ। आर्थिक अपराध के मामलों में राजस्थान ने तेलंगाना को पछाड़ते हुए पहला नंबर हासिल कर लिया है। जहां 2017 में 148972 मामले दर्ज किए गए है।
इस बार एनसीआरबी ने आंकड़ों के साथ साथ सोशल मीडिया पर फैलाई जाने वाली फेक न्यूज़ को भी अपराध मानते हुए 2017 में 257 केस दर्ज किए हैं। जिसमें मध्यप्रदेश 138 मामलों के साथ पहले नंबर पर है। जबकि 32 मामलों के साथ यूपी दूसरे नंबर पर है। 18 केस दर्ज कर केरला तीसरे नंबर पर है। हैरानी की बात ये है कि फेक न्यूज़ फैलाकर सबसे ज्यादा माहौल जिस जम्मू-कश्मीर में ख़राब किया जाता था। वहां पर फेक न्यूज़ के सिर्फ 4 मामले दर्ज किए गए। एनसीआरबी के मुताबिक 2017 में 117 करोड़ रुपए से ज्यादा के 1 लाख से अधिक मोबाइल की चोरी हुई।
देशभर में 2017 में IPC के कुल 30,62,579 केस दर्ज हुए जबकि ये आंकड़ा 2016 में 29,75,711 था। यानी 2016 कि तुलना में 2017 में 86,868 केस ज्यादा दर्ज हुए है। वहीं एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक हमारे देश मे, हत्या, रेप, अपहरण, दंगा भड़काना, आदि मामलों की सज़ा दिलवाने की दर 45 प्रतिशत से भी कम है। भारत मे 2017 में हत्या के मामलों में सिर्फ 43.1 प्रतिशत आरोपियों को सज़ा हो पाई है। जबकि रेप के केस में तो सजा की दर 32.2 प्रतिशत रही है। 2017 में अपहरण के कुल मामलों में से सिर्फ 26.6 प्रतिशत आरोपियों को ही सज़ा हो पाई है।