नई दिल्ली: वित्तीय संकट से जूझ रही एयर इंडिया के बुरे दिन खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। कंपनी के करीब 120 एयरबस ए-320 पायलटों ने इस्तीफा दे दिया है। ये सभी अपने वेतन और पदोन्नति नहीं होने से नाराज थे।
Air India faces mass resignation ahead of divestment
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— ANI Digital (@ani_digital) October 13, 2019
इस संदर्भ में पायलटों ने शिकायत की है कि कंपनी उनकी सैलरी नहीं बढ़ा रही थी और ना ही उनकी पदोन्नति की जा रही थी। उन्होंने बहुत बार इसकी मांग की थी लेकिन प्रशासन उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रहा था, जिसकी वजह से अब उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।
इससे पहले खबर आई थी कि केंद्र सरकार एयर इंडिया में 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है। इतना ही नहीं, सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का प्लान भी तैयार कर लिया था, लेकिन तब किसी ने भी हिस्सेदारी को खरीदने के लिए रुचि नहीं दिखाई थी।
एयर इंडिया पर तीन तेल कंपनियों का 4500 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है, जिसे हवाई कंपनी ने पिछले कईं महीनों से नहीं चुकाया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एयर इंडिया को 90 दिन का क्रेडिट पीरियड मिलता है।
हाल ही में एयर इंडिया के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने बताया था कि कंपनी को हर महीने केवल 300 करोड़ रुपये कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए चाहिए। मंत्री समूह में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रेल मंत्री पीयूष गोयल और नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं।
रविवार को एयर इंडिया ने तेल कंपनियों के बकाये का मामला जल्द सुलझने की उम्मीद जतायी है। विमानन कंपनी तेल विपणन कंपनियों के साथ मामले को सुलझाने का पूरा प्रयास कर रही है। साथ ही कंपनी उड़ानों को बाधित होने से रोकने के लिए और यात्रियों को परेशानी न देने के लिए भी पूरा प्रयास कर रही है।
बता दें कि इसी सप्ताह सरकारी तेल कंपनियों ने एयर इंडिया को एक अंतिम चेतावनी जारी करते हुए 18 अक्तूबर तक मासिक एकमुश्त भुगतान करने को कहा था। उन्होंने कहा था कि भुगतान नहीं करने पर वे छह प्रमुख घरेलू हवाई अड्डों पर ईंधन की आपूर्ति बंद कर देंगे।