मुंबई : सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अब और पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को आदेश दिया है कि वह इस मामले में अब कोई पेड़ नहीं काटे… छात्रों की ओर से अधिवक्ता संजय हेगड़े ने दलीलें रखीं। कोर्ट ने सरकार के वकील को फटकार भी लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल बेंच का गठन किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उन्हें तुरंत छोड़ा जाए। 21 अक्टूबर को फॉरेन बेंच मामले की सुनवाई करेगी।
सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने पूछा कि हमें बताएं कि यह इलाका क्या एक इको सेंस्टिव जोन है या नहीं! हम इसकी वास्तविकता जानना चाहते हैं। आप हमें दस्तावेज उपलब्ध कराएं… महाराष्ट्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पैरवी की। उन्होंने अदालत को आश्वस्त किया कि सरकार की ओर से अब इस इलाके में कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा ।सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब बाकी बचे 1,200 (रिपोर्टों का आंकड़ा) पेड़ों की कटाई रुक गई है। आरे कॉलोनी में मेट्रो शेड बनाने के लिए कुल 2,700 पेड़ काटने की योजना है। इससे पहले आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड बनाने के लिए पेड़ों की कटाई के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। रिपोर्टों की मानें तो शुक्रवार को उच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद रात को नौ बजे के बाद दो घंटे के भीतर मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (MMRCL) ने इलेक्ट्रिक मशीन से 450 पेड़ों को काट दिया था। कानून की पढ़ाई कर रहे छात्रों की ओर से पेड़ों को काटे जाने के विरोध में लिखे गए पत्र को शीर्ष अदालत ने जनहित याचिका के तौर पर लेते हुए सुनवाई के लिए विशेष पीठ गठित की थी।