जिस पार्किंग के लिए आस पास की दुकानों औऱ घरों को उनके मूल स्थान से हटाया गया वे लोग भी आज बेरोजगारी के साथ उस पार्किंग को देख देखकर मायूस हो रहे है क्योकिं पार्किंग की एवज में जो जमीने वहां के स्थानीय लोगों से ली गई थी उन्हें न तो अभी तक कोई जमीन आवंटित की गई है और न ही रोजगार के लिए दुकानें अब तक उन्हें मिली है जो उनको सरकार के वादे अनुसार मिलनी थी। जहां कंपनी एक माह में इस पार्किंग को पूरा करने में अपनी असमर्थता जता रही है तो वहीं स्थानीय डीएम रंजना वर्मा ने साफ किया कि मैनें इसके के लिए यूपी.आरएनएन को पत्र लिखा है और अगर ये कंपनी यात्रा तक इस पार्किंग को शुरू नहीं करती है तो फिर इस कंपनी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। अब ये जवाब कौन देगा कि एक महिने बाद जब केदारनाथ यात्रा शुरू होगी औऱ पार्किंग की जगह जब पाकिंग नहीं बल्कि कूड़े के रूप में गंदगी पसरी होगी तो यात्रियों की इस असुविधा और सरकार की इस फजीहत का जिम्मेदार कौन होगा ?
सोनप्रयाग ( केदारनाथ ) पार्किंग भी अब सवालों के घेरे में
2015 में एक कंपनी को सोनप्रयाग में पार्किंग बनाने हेतु टेंडर प्राप्त हुआ था लेकिन आज दो साल बाद उस जगह पर पार्किंग क्या शौचालय के लिए पानी का एक नल तक नहीं लगा है। ये हालात तब है जब एक महिने बाद केदारनाथ यात्रा शुरू होने वाली है औऱ स्वंय तत्कालीन मुख्यमंत्री इसका शिलयान्स भी कर चुके हैं। आपको बता दे कि 3 मई 2017 से केदारनाथ बाबा यात्रा शुरू होने वाली है। देश भर से केदारनाथ आने वाले क्षद्धालुओं की गाड़ियों की व्यवस्था हेतु इस पार्किंग को सुचारू करना इस समय शासन औऱ प्रशासन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। लेकिन आलम यह है कि जहां पार्किंग होनी थी वहां अभी तक शहरभर की गंदगी सियासतदानों को मुंह चिढ़ा रही है।