जम्मू: जम्मू कश्मीर के नजरबंद नेताओं को लेकर राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सलाहकार फारूक खान का बड़ा बयान सामने आया है। गुरुवार को उन्होंने कहा कि कश्मीरी नेताओं को नजरबंदी से रिहा किया जाएगा। हालांकि उससे पहले नजरबंद हर व्यक्ति के बारे में जरूरी जांच पड़ताल की जाएगी।
बता दें कि पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू में नजरबंद कई नेताओं की नजरबंदी मंगलवार को समाप्त कर दी गई। पुलिस की ओर से सभी नेताओं को नजरबंदी हटाने की सूचना दी गई है। नजरबंद नेताओं ने भी इसकी पुष्टि की है। माना जा रहा है कि बीडीसी चुनाव को देखते हुए इन नेताओं की नजरबंदी हटाई गई है, ताकि राजनीतिक गतिविधियां शुरू हो सकें।
नेकां नेता व पूर्व विधायक देवेंद्र सिंह राणा, सुरजीत सिंह सलाथिया, जावेद राणा व सज्जाद किचलू, कांग्रेस के पूर्व विधायक रमण भल्ला व विकार रसूल तथा जम्मू-कश्मीर पैंथर्स पार्टी के पूर्व विधायक हर्षदेव सिंह को नजरबंद किया गया था। इन्हें किसी कार्य से बाहर निकलने के लिए अनुमति लेनी होती थी। ये नेता 15 अगस्त के कार्यक्रमों में शरीक नहीं हो पाए। साथ ही पार्टी कार्यालय भी जाने की इन्हें अनुमति नहीं थी। इन नेताओं के घरों के बाहर सादे वेश में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी, जो इनकी हर गतिविधि पर लगातार नजर रखे हुए थे।