पूर्णिमा मिश्रा, देहरादूनः उत्तराखंड राज्य अपने शांत वातावरण और असीम वादियों के लिए प्रख्यात है। लेकिन आए दिन इन शांत वादियों में खूनी खेल और जघन्य अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है जिसके कारण देवों की भूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड की तस्वीर अब कुछ और बनती जा रही है।
यहां की शांत वादियां एक तरफ पर्यटकों को तो खींच ही रही हैं, लेकिन वहीं अब यहां अपराधियों के छिपने का भी एक सुरक्षित जगह बन गई है। यह हम केवल जुबानी बात नहीं कह रहे हैं। यह हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आए दिन राज्य में अपराधों की संख्या में इजाफा हुआ है। राज्य प्रत्येक दिन कुछ न कुछ आपराधिक घटनाओं के कारण चर्चाओं में रहता है। ऐसी कोई भी घटना बाकी नहीं रह गई है जो अब राज्य में न हुई हो और जिसके कारण हम यह कह सकें कि राज्य सुरक्षित है।
पिछले दो माह का ही आंकड़ा देखा जाए तो यहां दो बड़ी वारदातें हुईं हैं, एक रूड़की कोर्ट परिसर में ही गोलियों की बरसात और दूसरा नैनीताल में बच्ची की अधजली घटना। भले ही यहां दो बड़ी आपराधिक घटनाएं देखने को मिली हों, लेकिन यहां एक भी दिन ऐसा नहीं है जब लूटपाट, हत्या, आत्महत्या, बलात्कार, गैंगरेप, चोरी, मारपीट की घटना देखने व सुनने को न मिली हो।
वहीं इस मामले पर भले ही कांग्रेस ने अपनी राजनीति को चमकाने के लिए इस मुद्दे को बड़ी ही तवज्जो देते हुए उठाया हो लेकिन हकीकत यही है कि अब राज्य यूपी की ही तर्ज पर आपराधिक घटनाओं में तरक्की कर रहा है। देखा जाए तो साल दर साल अपराधिक घटनाओं में इजाफा होता जा रहा है और कहीं न कहीं सवाल उत्तराखंड पुलिस पर भी उठते नजर आ रहे हैं।
हालिया रिपोर्ट में कहा गया था कि यूपी एक ऐसा राज्य है जहां लोग सुरक्षित नहीं हैं, लेकिन उत्तराखंड राज्य में जिस तरीके से लगातार आपराधिक घटनाएं घटित हो रही हैं उससे तो यही कहा जा सकता है कि उत्तराखंड ने भी आपराधिक घटनाओं में विकास किया है।