याद हो कि चारधाम धाम यात्रा की आस्था और स्वच्छता पर कड़ा फैसला लेते हुए नैनिताल हाईकोर्ट ने तीन जिलों रुद्रप्रयाग,चमोली औऱ उत्तरकाशी जिलों में शराब को बैन करने का फैसला सुनाया था। मदिरा तो कोर्ट के आदेश के बाद बन्द हो जाएगी लेकिन बूचड़खाने कब तक बंद होंगे इसका जवाब शायद ही किसी के पास हो। यात्रा शुरू होने वाली है औऱ अभी तक यात्रा मार्ग में मांस की बिक्री धडल्ले से हो रही है। केदारनाथ का ही अगर उदाहरण ले तो केदारबाबा से मात्र 20 किमी. नीचे सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच में कुछ बूचड़खाने मुख्य मार्ग की शान बड़ा रहे हैं। प्रशासन सब कुछ देख कर भी क्यों मौन है पता नहीं लेकिन यात्रा शुरू होने से पहले इस तरह की सभी दुकानों को मुख्य मार्गों से हटाना प्रशासन की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।