देहरादून: कामना हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। जाँच में खुलासा हुआ कि, पति ने कामना की हत्या करवाई थी। साथ ही साजिश के तहत खुद को भी गोली मरवाई थी। मामले में पुलिस ने दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।
मामले के अनुसार, 30 अगस्त की रात पुलिस को सूचना प्राप्त हुई कि माता मन्दिर रोड पर एक महिला व उसके पति को कुछ व्यक्तियों ने घर में घुसकर गोली मार दी। उक्त सूचना पर पुलिस बल मौके पर पहुंचा, मौके पर एक महिला कामना रोहिल्ला, पत्नी अशोक रोहिल्ला निवासी- माता मन्दिर रोड, धर्मपुर, उम्र 32 वर्ष मृत अवस्था में पडी मिली और उसके पति अशोक उर्फ कपिल रोहिल्ला पुत्र कृष्णकांत रोहिल्ला निवासी उपरोक्त घायल अवस्था में पडा था। जिसके पेट में गोली मारी गयी थी। घायल व्यक्ति को तत्काल उसके परिजनों द्वारा अस्पताल ले जाया गया।
घटना के सम्बन्ध में जानकारी करने पर घायल अशोक रोहिल्ला ने बताया कि रिंकू उर्फ अजय वर्मा निवासी अमन विहार, शास्त्रीनगर रायपुर, जो कि उसकी बुआ के देवर का लडका था, उसने अपने दो अन्य साथियों, जो कि हैलमेट पहने हुए थे, के साथ रात्रि 12:00 बजे घर में घुसकर उक्त घटना को अंजाम दिया। जाते समय रिंकू व उसके साथी घर से सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर भी अपने साथ ले गये।
उक्त सम्बन्ध में कामना के भाई अमन की तहरीर के आधार पर थाना नेहरू कालोनी पर मुकदमा अपराध संख्या: 271/19 धारा- 302/201 आईपीसी पंजीकृत किया गया। अशोक रोहिल्ला के बयानों के आधार पर पुलिस ने अपनी जांच को आगे बढाते हुए आस-पास के सीसीटीवी कैमरो की फुटेज को कब्जे में लेकर चैक किया। उक्त सीसीटीवी फुटेज में ऐसे कोई भी बाइक सवार व्यक्ति आते-जाते हुए नहीं दिखाई दिये। चूंकि अशोक रोहिल्ला आईसीयू में भर्ती था, जिस कारण उससे और अधिक पूछताछ करना सम्भव नहीं था। अशोक रोहिल्ला के बयान संदिग्ध प्रतीत होने पर पुलिस ने मैनुवली कार्य करते हुए अशोक व उसके करीबियों के सम्बन्ध में जानकारी एकत्रित की गयी। जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि अशोक मूल रूप से सरधना, मेरठ का रहने वाला है और उसके एक करीबी दोस्त दीपक शर्मा पुत्र दिनेश शर्मा निवासी सरधना, मेरठ का देहरादून में उसके घर पर अकसर आना-जाना था। दीपक के सम्बन्ध में जानकारी एकत्र करने हेतु पुलिस टीम को सरधना, मेरठ रवाना किया गया, परन्तु दीपक अपने घर पर मौजूद नहीं मिला और उसका मोबाइल फोन भी बंद होना पाया गया।
दीपक की गतिविधी संदिग्ध प्रतीत होने पर पुलिस टीम ने उसके सम्बन्ध में और अधिक जानकारी जुटाई तो ज्ञात हुआ कि दीपक का छोटा भाई गौरव शर्मा पुत्र दिनेश शर्मा निवासी सरधना, मेरठ उक्त घटना के दिन मेरठ से देहरादून आया था और घटना के अगले दिन वापस मेरठ चला गया। जिस पर पुलिस टीम ने गौरव की तलाश हेतु उसके घर पर दबिश दी तो वह भी अपने घर से गायब मिला और घटना के बाद से उसका फोन भी लगातार बंद होना पाया गया। जिस पर पुलिस टीम का शक और भी गहरा हो गया।
गोपनीय सूत्रों के जरिये पुलिस टीम को सूचना मिली कि दीपक व गौरव सरधना से राजस्थान भागने की फिराक में हैं। जिस पर पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना पर उक्त दोनो व्यक्तियों को दोराला सरधना रोड, मेरठ से अशोक रोहिल्ला की टाटा विस्टा कार संख्या: डीएल-3सी-वीवी-3879 के साथ गिरफ्तार किया। अभियुक्तों से पूछताछ करने पर वह पुलिस को गुमराह करने का प्रयास करने लगे, जिस पर पुलिस टीम ने सांइटिफिक तरीके से टैकल करते हुए दोनो अभियुक्तों से पूछताछ की, तो अभियुक्त गौरव ने अशोक रोहिल्ला से फिरौती लेकर मृतका कामना रोहिल्ला की हत्या करना स्वीकार किया। साथ ही अभियुक्त गौरव द्वारा अशोक रोहिल्ला के कहने पर अपने एक अन्य साथी परवेज उर्फ बसरू निवासी सरधना मेरठ के साथ नवम्बर 2018 में राजस्थान ले जाकर रिंकू उर्फ अजय वर्मा की हत्या करना भी स्वीकार किया। अभियुक्त गौरव की निशानदेही पर उक्त कार में से मृतका कामना रोहिल्ला के घर/घटना स्थल की डीवीआर व नकदी बरामद किये गये।
पूछताछ का विवरण:
पूछताछ में अभियुक्त दीपक शर्मा ने बताया कि अशोक उर्फ कपिल उसका बचपन का दोस्त था। इन दोनो ने सरधना में साथ में पढाई की थी। वर्ष 2008-09 में अशोक चकराता रोड स्थित एक पीसीओ और डीजे में एक रजनी (काल्पनिक नाम) नाम की युवती के साथ कार्य करता था, जिसके साथ उसके घनिष्ठ सम्बन्ध थे। कामना का विवाह पूर्व में रजनी के भाई सनी के साथ तय हुआ था। कामना व अशोक उर्फ कपिल की पहचान रजनी के माध्यम से हुई। धीरे-धीरे उन दोनो के मध्य नजदीकियां बढने लगी, जिस कारण कामना ने सनी के साथ विवाह करने से इन्कार कर दिया। इसके पश्चात अशोक व कामना साथ रहने लगे। परन्तु कुछ समय बाद अशोक, कामना से शादी करने मे आनाकानी करने लगा, परन्तु कामना की जिद के कारण अशोक ने पहले उसके साथ कोर्ट मैरिज की और उसके बाद वर्ष 2014 में दोनो परिवारों की सहमति से विवाह कर लिया। विवाह के बाद कामना ने माता मन्दिर रोड पर घर लेकर अपना बुटिक प्रारम्भ किया और अशोक भी अपने परिजनों को छोडकर उसके साथ रहने लगा। अशोक बेहद लालची किस्म का व्यक्ति था और कामना के चरित्र को लेकर उस पर शक करता था। जिस कारण दोनो के मध्य अक्सर मनमुटाव व विवाद रहता था। जिसकी पुष्टि अशोक व कामना के पारिवारिक मित्रों से पूछताछ के दौरान भी हुई।
अशोक व कामना ने अपने कारोबार के लिये कई बैंको से लोन और मार्केट में कई लोगों से करीब 60 से 70 लाख रूपये उधार लिया था। आपसी मनमुटाव के कारण अशोक पर उधार का बोझ बढता गया और वह आर्थिक रूप से परेशान रहने लगा। इस बीच कामना की आयुष नाम के एक व्यक्ति, जो फाइनेंसर का काम करता था, के साथ जान पहचान हो गयी। आयुष के साथ नजदीकियां बढने से उसका अक्सर कामना के घर आना जाना हो गया और उन दोनो के बीच फोन के माध्यम से भी काफी बातचीत होने लगी। जिससे अशोक के अन्दर वैमनस्य की भावना पैदा हो गयी और उनके मध्य विवाद और गहरा हो गया। इस सम्बन्ध में अशोक ने अपने बचपन के दोस्त दीपक शर्मा को वर्ष 2018 में कामना व आयुष के रिश्ते की जानकारी देते हुए बताया कि वह कामना के चरित्र को लेकर काफी परेशान है और आर्थिक रूप से भी काफी कर्जे में डूब चुका है। जिस कारण उसने दीपक शर्मा के साथ मिलकर कामना को रास्ते से हटाने का फैसला किया।
अशोक का मानना था कि कामना को रास्ते से हटाने से उससे छुटकारा मिल जायेगा और कामना के नाम पर बैंक व बाजार से लिया गया पैसा भी उसे मिल जायेगा। इसके लिये अशोक ने दीपक शर्मा को अपने बुआ के देवर के पुत्र रिंकु उर्फ अजय वर्मा के सम्बन्ध में बताया और योजना बनाई कि रिंकू उर्फ अजय वर्मा एक आपराधिक व आवारा किस्म का व्यक्ति है, जिसे उसके परिजनों द्वारा बेदखल किया गया है। वह पूर्व में भी थाना डालनवाला में पंजीकृत हत्या के अभियोग में जेल जा चुका है। यदि हम पहले उसकी हत्या कर दें और उसके पश्चात कामना की हत्या कर इल्जाम रिंकू उर्फ अजय वर्मा पर लगा दें तो इस सम्बन्ध में किसी को कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो पायेगी, क्योंकि रिंकू को कोई पूछने वाला नहीं है और कामना की हत्या कर उसका नाम आसानी से लिया जा सकता है।
उक्त योजना के तहत दीपक ने अशोक को मेरठ ले जाकर अपने छोटे भाई गौरव व गौरव के दोस्त परवेज उर्फ बसरू से मिलवाया। दोनो की हत्या के लिये फिरौती की रकम दो लाख तय हुई, जिसमें से एक लाख उन्हें रिंकू की हत्या करने पर और शेष एक लाख कामना की हत्या करने के बाद मिलना तय हुआ। योजना के तहत 3 नवम्बर 2018 को अशोक के जन्मदिन पर दीपक, गौरव व उसका दोस्त परवेज देहरादून पहुंचे और देहरादून में होटल आनन्दा में रूके। अशोक ने अपने जन्मदिन के बहाने रिंकु उर्फ अजय वर्मा को अपने दोस्त के सहस्त्रधारा स्थित घर पर बुलाया और रिंकू को राजस्थान में नौकरी दिलाने की बात कहकर दीपक, गौरव व परवेज के साथ राजस्थान भेज दिया। राजस्थान जाने के लिये गाडी अशोक ने बुक की। 4 नवम्बर 2018 को सरधना के मेरठ पहुंचने पर दीपक वहीं रूक गया और गौरव व परवेज रिंकु उर्फ अजय वर्मा को लेकर राजस्थान चले गये। राजस्थान पहुंचने पर परवेज ने रिंकू को शराब में जहरीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया और उसके बाद गला घोटकर उसकी हत्या कर दी। उसके शव को राजस्थान में चुरू नामक स्थान पर मुख्य हाइवे से एक किलोमीटर अन्दर फेंककर वापस आ गये।
रिंकू की हत्या करने के पश्चात् अशोक ने गौरव व परवेज के माध्यम से कई बार कामना को रास्ते से हटाने का प्रयास किया परन्तु, परवेज ने हत्या से इन्कार करने पर वह इसमें कामयाब नहीं हो सका। परवेज को डर था कि देहरादून में कामना की हत्या करना सुरक्षित नहीं है और इससे उनके द्वारा पूर्व में की गयी रिंकू की हत्या से भी पर्दा उठ सकता है। परवेज के इन्कार करने के उपरान्त गौरव ने अशोक से सम्पर्क किया और बताया कि नवम्बर में उसका विवाह होना है, जिसके लिये उसे पैसों की आवश्यकता है और वह अकेले ही कामना की हत्या कर सकता है।
योजना के तहत गौरव ने अपने साथी से अशोक को घटना में प्रयुक्त पिस्टल दिलवायी और 28 अगस्त को देहरादून पहुंच गया एवं उस दिन अशोक उर्फ कपिल के घर पर ही रूका। रात को कामना की हत्या करने का प्लान था, लेकिन उसी दिन उसके घर पर कामना के परिचित लोगों के आने के कारण उस दिन हत्या नहीं कर पाये और अगले दिन 29 अगस्त को रात्रि के समय जब कामना अपने बैड पर लेटी हुई थी तो अशोक के कहने पर गौरव ने कामना के सिर पर गोली मारकर कामना की हत्या करने के उपरान्त अशोक के कहने पर उसके पेट में बांयी साइड से गोली मार दी और अशोक द्वारा दी गयी डीवीआर व पिस्टल को लेकर जाने लगा। लेकिन अशोक द्वारा उसे पुलिस चैंकिग मे पिस्टल पकडे जाने के डर से उक्त पिस्टल को अपने पास ही रख लिया और घटना स्थल के डीवीआर के साथ गौरव को अपनी टाटा विस्टा कार के साथ मेरठ रवाना किया गया।
वहीँ मृतक रिंकू के शव के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने हेतु थाना नेहरू कालोनी से एक टीम को राजस्थान रवाना किया गया है। गिरफ्तार अभियुक्तों में गौरव शर्मा पुत्र दिनेश शर्मा निवासी सरधना मेरठ और दीपक शर्मा पुत्र दिनेश शर्मा निवासी सरधना मेरठ शामिल हैं। वहीँ वांछित अभियुक्तों में परवेज उर्फ बसरू निवासी सरधना मेरठ और अशोक रोहिल्ला, पुत्र कृष्णा रोहिल्ला, निवासी माता मन्दिर रोड, अजबपुर कला नेहरू कालोनी, मूल निवासी- सरधना, मेरठ शामिल है।
पुलिस टीम:
थाना नेहरू कालोनी
01- जया बलूनी, क्षेत्राधिकारी डालनवाला
02- उ0नि0दिलबर सिंह नेगी, थानाध्यक्ष, नेहरू कालोनी
03- उ0नि0आशीष रावत
04- उ0नि0अजय रावत
05- उ0नि0राजेश कुमार
04- उ0नि0प्रवीन पुण्डीर
05- उ0नि0पंकज तिवारी
06- उ0नि0दीपक कुमार
07- कां0 दीपप्रकाश,
08- कां0 गम्भीर
09- कां0 विजय
10- कां0 हितेश
11- कां0 नीरज
12- कां0 अजय
13- कां0 किरन
एस0ओ0जी0टीम :
01:- एश्वर्य पाल, प्रभारी निरीक्षक एसओजी,
02- कां0 आशीष
03- कां0 अजय
04- कां0 पकंज
05- कां0 अरशद