नैनीताल: हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर महत्वपूर्ण आदेश पारित किये हैं। हरिद्वार को छोड़ 12 जिलों में 30 नवम्बर तक चुनाव कराने के आदेश पारित किए गए हैं। हरिद्वार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अगले साल होने हैं। जिसको लेकर कोर्ट ने कहा है कि ऐसी स्थित वहां नहीं आनी चाहिए, अगर आती है तो चुनाव आयोग कोर्ट की शरण में आ सकता है। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह आदेश पारित किए।
वहीँ प्रशासकों की नियुक्ति पर कोर्ट ने कहा है कि वे अपने कार्य करते रहेंगे, तब तक कोई प्रशासनिक या नीतिगत निर्णय नहीं लेंगे और उनकी वित्तीय शक्तियां सीज रहेंगी।
बता दें कि, पिछले दिनों उत्तराखंड में पंचायत चुनाव में देरी पर दाखिल राष्ट्रपति शासन लगाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार द्वारा पंचायतों में नियुक्त किए गए प्रशासकों के नीतिगत फैसले लेने पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि प्रशासक पंचायतों में काम तो करेंगे मगर कोई भी नीतिगत निर्णय नहीं ले सकते हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट में सरकार ने कहा था कि चार महीनों के भीतर राज्य में पंचायत चुनाव करवा दिया जाएगा, लेकिन कोर्ट इस तर्क से संतुष्ट नहीं था। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को फटकार लगाते हुए कहा था कि संवैधानिक संकट की स्थिति में राज्य निर्वाचन आयोग ने कोर्ट में याचिका दाखिल क्यों नहीं की।
हरिद्वार को छोड़ बाकी जिलों में ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 14 व 15 जुलाई को खत्म हो चुका है, जबकि क्षेत्र पंचायतों का नौ अगस्त और जिला पंचायतों का कार्यकाल 12 अगस्त को समाप्त होना है।