देहरादून: संसद में नेशनल मेडिकल कमीशन बिल पारित होने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आंदोलन का ऐलान कर दिया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन उत्तराखंड की आपात बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। आंदोलन के पहले चरण में एसोसिएशन से जुड़े राज्य के 2000 से अधिक निजी अस्पतालों में बुधवार सुबह छह बजे से लेकर बृहस्पतिवार सुबह छह बजे तक डॉक्टर ओपीडी का बहिष्कार करेंगे। हालांकि, इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेगी। एसोसिएशन सभी जिलों में धरना प्रदर्शन के साथ भूख हड़ताल शुरू करने की तैयारी में है।
बैठक में प्रदेश सचिव डॉ. डीडी चौधरी ने कहा कि नेशनल मेडिकल कमीशन बिल पारित होने के बाद अब धारा-32 के तहत देश भर में साढ़े तीन लाख से अधिक पैरा मेडिकल स्टाफ डॉक्टरों की तर्ज पर मरीजों का इलाज कर सकेंगे। इसके लिए पैरा मेडिकल को सिर्फ ब्रिज कोर्स करना होगा। प्रदेश सचिव ने कहा कि इस प्रावधान का पूरजोर विरोध किया जाएगा। साथ ही बिल लागू होते ही देश में चिकित्सा शिक्षा बेहद मंहगी हो जाएगी।
निजी मेडिकल कालेज छात्रों से मनमानी फीस वसूलेंगे और इस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होगा। आईएमए की बैठक में डॉक्टरों ने इसे काला कानून बताते हुए इसके बहिष्कार की घोषणा की। बैठक में आईएमए के अध्यक्ष डॉ. बीएस जज भी उपस्थित थे।